Message:नई दिल्ली/अलीगढ़ | 21 अप्रैल – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हिंदू एकता और जातिगत भेदभाव को खत्म करने की अपील की है। बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में हाल की हिंसक घटनाओं के मद्देनज़र उन्होंने सामाजिक समरसता बनाए रखने का आह्वान किया।
अलीगढ़ से सीधा संदेश
अपने अलीगढ़ दौरे के दौरान भागवत ने कहा:
“हमें एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान की सोच अपनानी होगी। जब तक हिंदुओं के बीच जाति के आधार पर भेदभाव रहेगा, तब तक सच्ची एकता नहीं आ सकती।”
कार्यकर्ताओं को निर्देश:
- समाज के हर वर्ग तक जमीनी स्तर पर पहुंचें।
- सभी पर्व और त्योहार सामूहिक रूप से मनाएं।
- परिवार को समाज की मूलभूत इकाई मानते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।
आरएसएस शताब्दी वर्ष की तैयारियां
भागवत का यह दौरा 17 अप्रैल से शुरू हुआ है और यह आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विजयादशमी 2025 को मनाए जाने वाले शताब्दी समारोह की तैयारियों का हिस्सा है।
ब्रज क्षेत्र में RSS प्रचारकों के साथ वे प्रतिदिन बैठकें कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि: हालिया संदर्भ
- बांग्लादेश और बंगाल में हुई हिंसा ने हिंदू समुदाय को चिंता में डाल दिया है।
- इस माहौल में हिंदू सामाजिक एकता की जरूरत पहले से ज्यादा महसूस की जा रही है।
भागवत का मूल संदेश:
“हिंदुत्व कोई पूजा-पद्धति नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक संस्कृति है – जिसमें समरसता, सहिष्णुता और सेवा भाव है।”
साभार…
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