Monsoon: नई दिल्ली/भोपाल। जिस तरह मॉनसून देश में प्रवेश करता है, उसी क्रम में उलटे कदमों से उसकी विदाई होती है। सितंबर की शुरुआत में पश्चिमी राजस्थान से शुरू होकर यह प्रक्रिया मध्य भारत तक फैलती है और 15 अक्टूबर तक पूरे देश से मॉनसून विदा ले लेता है।
इस बार समय से पहले वापसी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इस साल मॉनसून ने 4 सितंबर से ही वापसी शुरू कर दी। सामान्यत: यह प्रक्रिया 15–17 सितंबर के बीच शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक पूरी होती है। 2015 के बाद यह सबसे जल्दी मॉनसून की विदाई मानी जा रही है।
ऐतिहासिक रिकॉर्ड
IMD के आंकड़ों के अनुसार 1940 तक मॉनसून की विदाई 1 सितंबर से शुरू हो जाती थी। 2020 के बाद नई व्यवस्था में इसकी सामान्य शुरुआत 17 सितंबर मानी जाती है। इस बार 10 साल बाद मॉनसून इतनी जल्दी लौट रहा है।
कैसे होती है मॉनसून की विदाई?
- सितंबर मध्य में पश्चिमी राजस्थान से शुरुआत।
- इसके बाद हरियाणा, पंजाब, यूपी और एमपी से पीछे हटना।
- अक्टूबर अंत तक पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत से पूरी तरह विदाई।
- इस दौरान बारिश थमने के साथ हवा का दबाव, दिशा और नमी में बदलाव आता है। दक्षिण-पश्चिमी हवाओं की जगह उत्तर-पूर्वी हवाएं चलना शुरू हो जाती हैं।
मध्य प्रदेश में मॉनसून की मेहरबानी
इस साल मध्य प्रदेश में औसतन से ज्यादा बारिश हुई। जहां सामान्य कोटा 37 इंच है, वहीं अब तक 42.7 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार सितंबर के आखिरी दिनों में “बोनस बारिश” मिल सकती है।
ठंड की दस्तक
IMD की वैज्ञानिक दिव्या ई सुरेंद्रन ने बताया कि अक्टूबर की शुरुआत में कहीं-कहीं बारिश जारी रह सकती है, लेकिन महीने के अंत तक गुलाबी ठंड दस्तक दे देगी। मौसमी बदलाव इस बार ठंड के भी जल्दी आने का संकेत दे रहे हैं।
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