कंपनियों को मिलेगा निवेश का मौका
Online Portal: नई दिल्ली: भारत में जल्द ही इलेक्ट्रिक गाड़ियां (EVs) सस्ती हो सकती हैं। केंद्र सरकार ने मंगलवार, 24 जून को एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है, जिसके जरिए इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार बनाने की इच्छुक कंपनियां आवेदन कर सकती हैं। यह पहल नई ईवी नीति ‘SPMEPCI’ (Scheme to Promote Manufacturing of Electric Passenger Cars in India) के तहत की गई है।
🔗 आवेदन की अंतिम तिथि 21 अक्टूबर
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बताया कि कंपनियां इस स्कीम में हिस्सा लेने के लिए पोर्टल spmepci.heavyindustries.gov.in पर 24 जून से 21 अक्टूबर 2025 तक आवेदन कर सकती हैं।
🇮🇳 मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड
इस योजना का उद्देश्य भारत को वैश्विक EV मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है। सरकार चाहती है कि विदेशी कंपनियां कम इंपोर्ट ड्यूटी (15%) का लाभ उठाकर भारत में कम से कम 500 मिलियन डॉलर (लगभग ₹4,327 करोड़) का निवेश करें और तीन वर्षों के भीतर लोकल प्रोडक्शन शुरू करें।
🔋 भारत की EV रणनीति
- 2024 में भारत में EV कारों की हिस्सेदारी कुल बिक्री का केवल 2.5% थी।
- सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक यह आंकड़ा 30% तक पहुंचे।
- फिलहाल भारत की EV निर्माण क्षमता 2 लाख यूनिट्स है, जिसे 2030 तक 25 लाख यूनिट्स तक बढ़ाने की योजना है।
💰 इस स्कीम से क्या होंगे फायदे?
- इलेक्ट्रिक कारें सस्ती होंगी: लोकल मैन्युफैक्चरिंग से लागत घटेगी।
- रोजगार में बढ़ोतरी: असेंबली, बैटरी निर्माण और चार्जिंग स्टेशनों से लाखों नौकरियां बनेंगी।
- प्रदूषण में कमी: EVs से शहरी इलाकों में वायु गुणवत्ता सुधरेगी।
- ग्लोबल हिस्सेदारी: भारत 2030 तक EV निर्माण में दुनिया में चौथे स्थान पर आ सकता है।
🧭 चीन से प्रतिस्पर्धा और भारत की रणनीति
भारत का EV क्षेत्र अभी तक चाइनीज कंपोनेंट्स पर निर्भर रहा है, विशेषकर रेयर अर्थ मटेरियल्स पर। हाल ही में चीन ने इनकी सप्लाई पर सख्ती की है। इसके जवाब में भारत सरकार घरेलू माइनिंग, प्रोसेसिंग और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को बढ़ावा दे रही है।
🌍 कौन-कौन सी कंपनियां आ सकती हैं?
- Tesla जुलाई में मुंबई और दिल्ली में शोरूम खोलने जा रही है।
- Tata Motors, Mahindra, Maruti Suzuki जैसी भारतीय कंपनियां भी अपनी EV उत्पादन क्षमता बढ़ा रही हैं।
👨👩👧👦 आम जनता के लिए क्या मतलब?
- EV खरीदना सस्ता और सुलभ होगा।
- चार्जिंग स्टेशन तेजी से बढ़ेंगे।
- पर्यावरण के प्रति साफ-सुथरा विकल्प मिलेगा।
🔜 अगले कदम
मंत्री कुमारस्वामी ने बताया कि यह पोर्टल महज एक शुरुआत है। आने वाले महीनों में सरकार नई नीतियों, चार्जिंग नेटवर्क विस्तार और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स जैसी योजनाएं भी लाएगी।
साभार..
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