देशभक्ति की मिसाल बना वाशिम का बेटा
Operation Sindoor: वाशिम, महाराष्ट्र। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच जब देश ने पुकारा, तब वाशिम जिले के जऊलका गांव के जवान कृष्णा राजू अंभोरे ने अपनी नवनिर्वाहित पत्नी और परिवार को छोड़कर ड्यूटी पर लौटने का निर्णय लेकर देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल पेश की है। महज दो दिन पहले ही विवाह के बंधन में बंधे कृष्णा राजू छुट्टी पर घर आए थे। लेकिन “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद उपजे हालातों के कारण सेना की ओर से अचानक ड्यूटी पर लौटने का आदेश मिला। बिना एक पल गंवाए, उन्होंने फौजी अनुशासन और राष्ट्र सेवा को प्राथमिकता दी और देश के लिए रवाना हो गए।
नम आंखों से दी पत्नी ने विदाई
कृष्णा राजू की नवविवाहिता पत्नी ने उन्हें नम आंखों और भारी मन से विदा किया। जहां एक ओर आंखों में अपने नए जीवनसाथी के लिए प्यार और चिंता थी, वहीं दूसरी ओर देश के प्रति गर्व का भाव भी साफ झलक रहा था। कृष्णा की आंखों में सिर्फ एक संकल्प था — “देश पहले है, बाकी सब बाद में।”
रेलवे स्टेशन पर गूंजे जयकारे
शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे जब कृष्णा राजू अंभोरे वाशिम रेलवे स्टेशन से उत्तराखंड स्थित अपनी पोस्टिंग के लिए रवाना हुए, तो गांव के सैकड़ों लोग उन्हें विदा करने पहुंचे। स्टेशन पर “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारों से माहौल गूंज उठा। हर आंख में गर्व और सम्मान था, जो इस जवान की निःस्वार्थ देशसेवा को नमन कर रहा था।
प्रेरणा बना है यह कदम
कृष्णा राजू का यह निर्णय न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव और जिले के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बन गया है। वर्तमान परिस्थितियों में, जब भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और सभी जवानों को तत्पर रहने का आदेश दिया गया है, ऐसे में कृष्णा राजू अंभोरे जैसे सैनिकों की निष्ठा पूरे देश को प्रेरित करती है।
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