प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की सातवे दिन की श्री माँ ताप्ती शिव महापुराण कथा आज सुबह 9 बजे से शुरू हो गई थी। जिसका प्रसारण अब 1 बजे से हो रहा है। बैतूल की धरा पावन हो गई।
छटवे दिन की कथा के बिंदु –
ईश्वर सभी को देता है एक मौका: पं. प्रदीप मिश्रा, दुनिया की यह पहली कथा है जिसे हाईवे पर बैठकर लोग सुन रहेसंसार में ऐसा कोई नहीं जन्मा जिसको भगवान ने एक मौका नहीं दिया हो। पाप से बचने के लिए, पुण्य, सदकर्म की ओर बढऩे के लिए सभी को एक मौका मिलता है। एक मौका बाबा महादेव ने अपने को भी दिया है। भगवान का भजन करने के लिए। यदि इस मौके को भी हम छोड़ दें तो फिर हमारा मानव देह पाना बेकार है। गुरु के चरणाबिंद में जब हम जाते हैं। सद्गुरू के पास जब हम पहुंचते हैं तो गुरु ज्ञान के अमृत से विषय के अमृत को काट देता है। क्योंकि वासना, तृष्णा, काम के भाव के जो विषय होते है गुरु उसे ज्ञान से काट देते हैं।
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कुंआ है परात्मा का चरणामृत(Pandit Pradeep Mishra Betul Katha)
कुंआ, सरोवर, हैण्डपंप, नदियां, कुंड में एक अंतर है। नदी, समुद्र आपके पास आता है और कुंए के पास हमें जाना पड़ता है। कुआं परमात्मा का चरणामृत, भगवान का भजन, भगवत नाम का स्मरण और कीर्तिन है। इसके लिए हमें परात्मा के चरणों में जाकर बैठना पड़ेगा। क्योंकि यहां से जो बल मिलेगा वह हमारी जिंदगी सवार देगा। उक्त प्रवचन पं. प्रदीप मिश्रा ने कोसमी क्षेत्र में माँ ताप्ती श्री शिवपुराण समिति के तत्वावधान में चल रही श्री शिवमहापुराण कथा के दौरान दिए।
लोग हाईवे पर सुन रहे कथा(Pandit Pradeep Mishra Betul Katha)
पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शायद यह दुनिया की पहली श्री शिवमहापुराण कथा होगी जिसमें लोग हाईवे पर बैठकर कथा सुन रहे हैं। यह लोग मौन है और कथा सुन रहे हैं। सभी अपने-अपने साधन से यहां पहुंचे हैं। जिसको जगह मिल गई वह पंडाल में बैठ गया लेकिन जिसे जगह नहीं मिली वह भोपाल-नागपुर हाईवे पर बैठकर ही कथा सुन रहा है। यह परात्मा की ही कृपा है। ऐसी कथा सुनने वाले मैं कभी नहीं देखे। लाखों की संख्या में आप लोग यहां पहुंचकर कथा श्रवण कर रहे हो यह भोलेनाथ की कृपा ही है। सत्ता, वैभव की गर्मी खत्म हो जाती है लेकिन भजन की गर्मी सदा बनी रहती है। आप लोग महादेव की कृपा से ही यहां तक पहुंचे हो।
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