Permit Fees: नेपाल सरकार ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए परमिट शुल्क में 36% तक वृद्धि की है और पर्वतारोहण के दौरान पर्यावरणीय क्षति को रोकने के लिए कई नए उपाय लागू किए हैं। ये बदलाव 1 सितंबर 2025 से लागू होंगे।
परमिट शुल्क में वृद्धि:
- विदेशियों के लिए वसंत ऋतु में चढ़ाई का परमिट शुल्क:
- 11,000 डॉलर से बढ़ाकर 15,000 डॉलर।
- पतझड़ के मौसम में:
- 5,500 डॉलर से बढ़ाकर 7,500 डॉलर।
- सर्दियों और मानसून के मौसम में:
- 2,750 डॉलर से बढ़ाकर 3,750 डॉलर।
- नेपाली पर्वतारोहियों के लिए शुल्क:
- 75,000 रुपये से बढ़ाकर 150,000 रुपये।
नए नियम और प्रावधान:
- परमिट की वैधता घटाई गई:
- पहले 75 दिनों के लिए वैध परमिट अब केवल 55 दिनों तक सीमित होगा।
- कचरा प्रबंधन:
- पर्वतारोहियों को अपने मानव मल और अन्य कचरे को वापस लाने के लिए बायोडिग्रेडेबल बैग साथ ले जाने होंगे।
- बेस कैंप में पहले से ही मल संग्रह के लिए बैरल वाले टेंट होते हैं, लेकिन ऊपरी इलाकों में ऐसी सुविधाएं दुर्लभ हैं।
- अनधिकृत वस्तुएं प्रतिबंधित:
- पर्वतारोहियों को पर्यटन विभाग द्वारा सूचीबद्ध वस्तुओं के अतिरिक्त कोई अन्य सामग्री ले जाने से रोक दिया जाएगा।
- पर्यावरण संरक्षण:
- 8,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपशिष्ट संग्रह अनिवार्य किया गया है।
पृष्ठभूमि और पर्यावरणीय चिंताएं:
- पिछले वसंत में लगभग 100 टन कचरा और अन्य अपशिष्ट माउंट एवरेस्ट क्षेत्र में उत्पन्न हुआ।
- 421 परमिट जारी किए गए, और 600 पर्वतारोही चोटी तक पहुंचे, जबकि बेस कैंप में लगभग 2,000 लोग एकत्र हुए।
- त्यागे गए ऑक्सीजन कनस्तर, परित्यक्त टेंट, खाद्य पैकेजिंग, और मानव अपशिष्ट क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
लक्ष्य और प्रभाव:
- इन नियमों का उद्देश्य पर्यावरण क्षरण को रोकना, स्थानीय समुदायों के स्वास्थ्य को संरक्षित करना, और माउंट एवरेस्ट के पर्यटन को जिम्मेदार और स्थायी बनाना है।
- नए नियमों के तहत पर्वतारोहियों की जिम्मेदारी बढ़ेगी और कचरा प्रबंधन बेहतर होगा।
यह कदम दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत पर चढ़ाई को और अधिक संरचित और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
source internet… साभार….
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