Pitru Paksha: गया : बिहार के गया जी में चल रहे विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2025 में इस बार विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं। रूस, अमेरिका, स्पेन और यूक्रेन से आए पिंडदानियों ने अपने पितरों की मुक्ति के लिए विधिवत कर्मकांड किया।
🕉️ विष्णुपद मंदिर में गूंजे मंत्र
गया जी के विष्णुपद मंदिर परिसर में विदेशी पिंडदानियों का जत्था नजर आया। 14 महिलाएं और 3 पुरुष रुद्राक्ष धारण कर, माथे पर तिलक लगाकर पिंडदान कर रहे थे। उनके मुख से “ऊं श्री विष्णुये नमः”, गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण गूंज रहा था। यह दृश्य देखकर स्थानीय लोग भावविभोर हो उठे।
📍 पवित्र स्थलों पर पिंडदान
विदेशी श्रद्धालुओं ने फल्गु नदी, सीता कुंड, प्रेतशिला, रामशिला, काकबली और विष्णुपद पर पिंडदान किया। शुक्रवार को वे अक्षयवट और अन्य वेदियों पर भी पिंडदान करेंगे।
🌍 शोध के बाद पहुंचे गया जी
ये विदेशी केवल पर्यटन के लिए नहीं आए, बल्कि सनातन धर्म और मंत्रों के प्रभाव पर गहरा अध्ययन करने के बाद गया जी पहुंचे हैं। इन्होंने बताया कि मंत्रोच्चार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। रूस की श्रद्धालु ओदा ने गायत्री मंत्र का उच्चारण कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
🙏 सनातन संस्कृति से जुड़ाव
काशी धाम से जुड़े आचार्य अभिनव सिंह ने बताया कि ये विदेशी कई वर्षों से सनातन संस्कृति से प्रभावित हैं। अपने घरों में शिवलिंग स्थापित कर पूजा करते हैं और शाकाहारी जीवन अपना चुके हैं। इन्हें विष्णु मंत्र, गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय और गणेश मंत्र कंठस्थ हैं।
🎉 पंडा समाज की खुशी
गयापाल पंडा बंधुलाल टईया ने कहा कि गया जी में पहली बार इतने विदेशी पिंडदान करने पहुंचे हैं। उनकी आस्था और संस्कार देखकर पूरा गया जी गौरव महसूस कर रहा है।
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