Plan: भोपाल। स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई के बाद करियर को लेकर युवाओं की सबसे बड़ी चिंता रोजगार या व्यवसाय शुरू करने की होती है। कई बार स्किल्स की कमी के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती और व्यवसाय में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों से युवाओं को उबारने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इन्हीं में से एक है राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना – मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना।
क्या है मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना?
यह योजना युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्टाइपेंड प्रदान करती है। इसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करना और व्यवसाय के लिए सक्षम बनाना है। प्रशिक्षण युवाओं की शिक्षा और पेशे के अनुसार दिया जाता है।
कब हुई थी शुरुआत?
इस योजना की शुरुआत 15 जून 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। 1 अगस्त 2023 से विभिन्न औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में युवाओं का प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया।
कितनी मिलेगी आर्थिक मदद?
- योजना के तहत प्रत्येक वर्ष 1 लाख युवाओं को लाभ दिया जाता है।
- जरूरत पड़ने पर इस संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।
- प्रत्येक युवा को 1 लाख रुपये तक का स्टाइपेंड दिया जाता है।
स्टाइपेंड का ब्योरा –
- 12वीं उत्तीर्ण – ₹8000 प्रति माह
- आईटीआई उत्तीर्ण – ₹8500 प्रति माह
- डिप्लोमा उत्तीर्ण – ₹9000 प्रति माह
- स्नातक/उच्च शिक्षा उत्तीर्ण – ₹10000 प्रति माह
किन क्षेत्रों में मिलती है ट्रेनिंग?
- इंजीनियरिंग
- होटल मैनेजमेंट
- टूरिज्म और ट्रेवल
- हॉस्पिटल व रेलवे
- आईटीआई, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, सिविल
- मैनेजमेंट और मार्केटिंग
- बैंकिंग, बीमा, चार्टर्ड एकाउंटेंट, वित्तीय सेवाएं
- सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और उद्योग क्षेत्र
योजना की पात्रता
- आवेदक की आयु 18 से 29 वर्ष होनी चाहिए।
- केवल मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी ही पात्र होंगे।
- न्यूनतम योग्यता – 12वीं पास / आईटीआई / डिप्लोमा / स्नातक।
युवाओं को क्या लाभ मिलेगा?
- बिजनेस ओरिएंटेड ट्रेनिंग
- लेटेस्ट टेक्नोलॉजी व प्रोसेस से प्रशिक्षण
- ट्रेनिंग के दौरान स्टाइपेंड
- State Council for Vocational Training (SCVT) से प्रमाणन
- रोजगार और स्वरोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट
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