मोरखा पेयजल संकट: जल स्त्रोत ढूंढने के बाद शुरू होना था कार्य
Plan: आमला/ पंकज अग्रवाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन जिसमें हर घर में नल से पानी भेजने की योजना का क्रियान्वयन होना था लेकिन कई गांवों में योजना का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से नहीं हो पाया जिसके चलते योजना बीच में ही अटक गई, इन्हीं में से एक गांव मोरखा है जहां पिछले तीन सालों से ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। इस गांव को जल जीवन मिशन में जोड़ा गया था, लेकिन तकनीकी खामियों के चलते यहां पर योजना अधूरी पड़ी हुई है। पाईप लाईन की दूरी बढ़ने के कारण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने इसे रिवीजन के लिए भेजा है। डेढ़ साल बाद भी इसमें रिवीजन नहीं होने के कारण पेयजल समस्या बनी हुई है।
जल स्त्रोत मिलने के बाद शुरू होना था कार्य
मोरखा में पानी की टंकी बन गई है और पाईप भी आ गया है लेकिन समस्या यह है कि बोरवेल दूर होने के कारण यह योजना अटक गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सूत्र बताते हैं कि जल जीवन मिशन में पहले सर्वे होता है इसके बाद डीपीआर बनाई जाती है और उसकी स्वीकृति के बाद टीएस जारी होता है और फिर एएस जारी होता है। योजना में सबसे खास बात यह है कि सबसे पहले इसमें जल स्त्रोत के लिए टयूबवेल किया जाना चाहिए और इसके बाद योजना का काम शुरू होना चाहिए। मोरखा में पहले काम शुरू हो गया और उसके बाद पता चला कि पाईप लाईन 500 मीटर स्वीकृत थी और बोरवेल 2200 मीटर की दूरी पर हुआ जिसके कारण योजना की लागत बढ़ गई और इसे रिवीजन के लिए भेजन पड़ा।
निस्तार का पानी मिल रहा बमुश्किल: कांग्रेस
कांग्रेस के मोरखा मंडलम अध्यक्ष बंटी रघुवंशी ने बताया कि मोरखा में लंबे समय से पेयजल की परेशानी है। पीएचई की नल जल योजना की स्वीकृति के उम्मीद थी कि ग्राम की पानी की समस्या हल होगी। लेकिन नल जल योजना के ठेकेदार ने दो तीन वर्षों में क्या काम किया पता नहीं। बोर चालू स्थिति में नहीं है और पेयजल योजना के पाइप इधर उधर पड़े है। गर्मी में ग्राम में पेयजल संकट सबसे ज्यादा होगा। बेल नदी सूखने से ग्राम पंचायत डेम से निस्तार का पानी दे रही है। फिल्टर की कोई व्यवस्था नहीं है। एक मात्र मोटर और 24 घंटे बिजली नहीं होने से 2 से 3 दिन के अंतराल में लोगों को निस्तार का पानी बमुश्किल मिल रहा है। पेयजल के लिए लोग हैंडपंप पर निर्भर है। जल स्तर गिरने से पेयजल संकट के हालत बनने लगे है।
विधायक से चर्चा करके निराकरण करेंगे : भाजपा
आमला विधानसभा क्षेत्र के मोरखा गांव में पेयजल संकट को लेकर सत्तारूढ दल के नेता भी इस समस्या का निराकरण कराना चाहते हैं ताकि लोगों को गर्मी के मौसम में भीषण पेयजल संकट का सामना न करना पड़े। इसको लेकर सांध्य दैनिक बैतूलवाणी ने भाजपा मोरखा मंडल अध्यक्ष यदुराज सिंह रघुवंशी से चर्चा की तो उन्होंंनेे बताया कि मोरखा में पानी की समस्या है और इसके निराकरण के लिए स्थानीय विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे से चर्चा करेंगे और जल्द ही समस्या का निराकरण कराने के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि नल जल योजना में ठेकेदारों के कारण मोरखा सहित अन्य ग्रामों में भी पानी की समस्या है।
रिवीजन के लिए भेजी फाईल: वर्मा
मोरखा गांव में पेयजल संकट को लेकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री रवि वर्मा से सांध्य दैनिक बैतूलवाणी को बताया कि मोरखा योजना में पाईप लाईन 500 मीटर स्वीकृत था लेकिन बोरवेल 2200 मीटर दूर होने के कारण इसकी लागत बढ़ गई है, इसके अलावा विद्युतीकरण के कार्य की भी तीन गुना लागत बढ़ गई है जिसको लेकर योजना में रिवीजन के लिए फाईल उपर भेजी गई है। जैसे ही रिवीजन होता है वैसे ही इस योजना में कार्य हो जाएगा। हालांकि यहां पर पानी की टंकी बन गई है और पाईप लाईन भी पहुंच गई है, लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि योजना का रिवीजन हो जाए।
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