कॉकपिट रिकॉर्डिंग में चौंकाने वाला दावा
Plane Crash: अहमदाबाद — 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भीषण हादसे में नया मोड़ सामने आया है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना से ठीक पहले विमान के कैप्टन ने इंजनों की फ्यूल सप्लाई खुद बंद की थी। यह खुलासा दोनों पायलटों की कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग के आधार पर हुआ है।
WSJ ने जांच से जुड़े अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि विमान के कैप्टन सुमीत सभरवाल ने ‘फ्यूल स्विच’ को ‘CUTOFF’ पोजिशन में कर दिया था। इस पर को-पायलट क्लाइव कुंदर ने हैरानी जताते हुए पूछा – “आपने फ्यूल स्विच को CUTOFF पोजिशन में क्यों किया?” इस सवाल से स्पष्ट है कि को-पायलट इस निर्णय से अंजान थे और उनकी आवाज में घबराहट थी, जबकि कैप्टन शांत बने रहे।
भारत की प्रारंभिक रिपोर्ट पहले ही दे चुकी थी संकेत
भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें बताया गया था कि टेकऑफ के 32 सेकेंड बाद दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई अचानक बंद हो गई थी, क्योंकि फ्यूल स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजिशन में चले गए थे। हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि ऐसा कैसे हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट दूसरे से यह पूछते हुए सुना गया कि उसने फ्यूल क्यों बंद किया, और जवाब में उसने इनकार किया।
एअर इंडिया ने तकनीकी खामी से किया इनकार
एअर इंडिया ने बुधवार को कहा कि उसके बेड़े में शामिल सभी बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) और थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) की जांच पूरी कर ली गई है। जांच में किसी तरह की तकनीकी खामी नहीं पाई गई है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भी सभी एयरलाइन कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे 21 जुलाई तक अपने बोइंग-737 और 787 विमानों की तकनीकी जांच पूरी करें।
पायलट संगठन ने उठाए सवाल, कहा- छवि खराब करने की कोशिश
हादसे के बाद फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने प्रारंभिक रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। संगठन के अध्यक्ष सीएस रंधावा ने कहा कि रिपोर्ट में केवल कॉकपिट बातचीत के चुनिंदा हिस्सों को उजागर किया गया है, जिससे पायलटों की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा, “बिना पूर्ण और पारदर्शी जांच के किसी एक पायलट को दोष देना जल्दबाजी और गैर-जिम्मेदाराना है।” FIP ने यह भी आरोप लगाया कि न तो पायलट संगठनों को जांच में शामिल किया गया और न ही उन्हें रिपोर्ट की प्रक्रिया में सुना गया।
अब सभी की नजरें फाइनल रिपोर्ट पर
इस हादसे में कुल 270 लोगों की जान गई थी। फ्लाइट ने टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद नियंत्रण खो दिया और शहर के एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई। घटना के पीछे का असली कारण अब भी जांच के दायरे में है। अमेरिकी और भारतीय एजेंसियों की संयुक्त जांच के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी।
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