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Political turmoil: कुंबी समाज से मिलना चाहिए महिला मोर्चे को नेतृत्व

कुंबी समाज से मिलना चाहिए महिला

45 साल से भाजपा ने आज तक नहीं दिया अवसर

Political turmoil: बैतूल: 6 अप्रैल 1980 में भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद से इन 45 वर्षों में आज तक पार्टी के महिला मोर्चे में नेतृत्व के मामले में जिले में संख्या बल में सबसे अधिक माने जाने वाले कुंबी समाज की उपेक्षा हुई है। राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि संगठन में भी कुंबी समाज को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए। जबकि कुंबी समाज की सक्रिय, जुझारू, कर्मठ एवं पार्टी के प्रति निष्ठावान अनेक महिला नेत्रियां वर्षों से पार्टी संगठन में सक्रिय हैं और हर चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।


कुंबी समाज की ये महिलाएं है सक्रिय


6 अप्रैल 1980 को भाजपा के गठन के बाद से आज वर्ष 2025 तक 45 वर्ष बीत गए हैं लेकिन जिला भाजपा संगठन में महिला मोर्चा इकाई में कुंंबी समाज की किसी महिला नेत्री को नेतृत्व करने का अवसर नहीं दिया है जबकि महिला मोर्चे में ज्योति धुर्वे अध्यक्ष पद संभाल चुकी हैं जो बाद में दो बार सांसद रही हैं। इसके अलावा रेखा शिवहरे,ममता मालवी और रश्मि साहू सहित अन्य महिला नेत्रियों को समय-समय पर भाजपा महिला मोर्चे के नेतृत्व करने का मौका मिला है। भाजपा में वर्तमान में सुनीता देशमुख महिला मोर्चें की जिला महामंत्री अवश्य है लेकिन उन्हें भी अध्यक्ष पद से दूर रखा गया है। भाजपा में सक्रिय कुंबी महिला नेत्रियों की बात करें तो वर्तमान में मुलताई क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य श्रीमती उर्मिला गव्हाड़े, कल्पना धोटे पार्षद बैतूल, पूर्व जनपद अध्यक्ष लता प्रमोद धोटे मुलताई, पार्षद वर्षा रमेश बारस्कर बैतूल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लता महस्की, प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा सोशल मीडिया प्रभारी माधुरी साबले मुलताई, गंज महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष नीलम वाग्रदे अवसर मिलने पर अध्यक्ष पद का बखूबी निर्वहन कर सकती हैं। नगरपालिका बैतूल में अवश्य वयोवृद्ध होने के बावजूद पार्वती बाई बारस्कर को अज्ञात कारणों से दोबारा जिम्मेदारी सौंपी गई।


विधानसभा और संगठन में हिस्सेदारी


राजनैतिक गलियारों में यह माना जाता है कि जिले की दोनों सामान्य सीटें बैतूल और मुलताई में पिछड़ा वर्ग में कुंबी समाज एक ऐसा समाज है जो जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़े माना जाता है और इन दोनों विधानसभा सीटों में कुंबी समाज के मतदाता चुनाव परिणाम प्रभावित करने की स्थिति में रहते हैं। इसके बावजूद विधानसभा चुनाव की दृष्टि से भाजपा की तुलना में कांग्रेस ने ज्यादा अवसर दिए हैं। बैतूल विधानसभा सीट पर भाजपा के 1980 में गठन के बाद से एक मात्र 1985 में पंजाबराव महस्की को टिकट दी गई थी। इसके अलावा भाजपा ने कुंबी समाज से मुलताई में चंद्रशेखर देशमुख एवं डॉ. जीए बारस्कर को एवं तत्कालीन मासोद-आठनेर विधानसभा सीट से वासुदेव ठाकरे, ईसनाजी उघड़े एवं चंद्रशेखर देशमुख को चुनाव मैदान में उतारा था।
इसी तरह से 1980 से 2025 तक इन 45 वर्षों में भाजपा संगठन में जिला अध्यक्ष पद पर 2018 में पहली बार कुंबी समाज के बसंत बाबा माकोड़े को जिला अध्यक्ष बनाया गया था। इस तरह से 2018 के पहले भाजपा ने किसी अन्य कुंबी नेता को अध्यक्ष पद नहीं दिया। वहीं वरिष्ठ नेता बलराम कुंभारे दो बार जिला महामंत्री के पद तक पहुंचे लेकिन जिलाध्यक्ष का पद उनसे कोसो दूर रहा।

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