इंदौर से जल प्रबंधन के नवाचार की शुरुआत
Portal: भोपाल/इंदौर। नगरीय विकास और जल प्रबंधन की दिशा में मध्यप्रदेश एक नया इतिहास रचने जा रहा है। भारत का पहला “री-यूज वॉटर पोर्टल” राज्य में तैयार किया जा रहा है, जिसकी घोषणा अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास संजय शुक्ला ने शुक्रवार को इंदौर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला और जल संवाद के दौरान की। अपर मुख्य सचिव शुक्ला ने कहा कि जल संकट का समाधान केवल संसाधनों से नहीं, बल्कि ज्ञान और इच्छाशक्ति से भी संभव है। उन्होंने इसे जल संरक्षण और पुन: उपयोग की दिशा में मील का पत्थर बताया और उम्मीद जताई कि इंदौर में हुए विचार-विमर्श से निकले नवाचार पूरे प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में लागू होंगे।
💧 री-यूज, रिड्यूस और री-साइकल: जल प्रबंधन की तीन दिशा
आयुक्त नगरीय विकास संकेत भोंडवे ने बताया कि जल प्रबंधन के लिए तीन सिद्धांतों – री-यूज (पुन: उपयोग), रिड्यूस (कम खपत) और री-साइकल (पुनर्चक्रण) – को रणनीति के रूप में अपनाया गया है।
उन्होंने कहा कि जैसे इंदौर ने स्वच्छता में राष्ट्रीय पहचान बनाई है, वैसे ही अब वह उपयोगित जल प्रबंधन में मॉडल शहर बनकर उभरेगा।
🏛️ तकनीकी विशेषज्ञों की भागीदारी
कार्यक्रम में देश-विदेश के प्रख्यात विशेषज्ञों ने भाग लिया:
- डॉ. राजेश बीनीवाले – CSIS
- डॉ. शैलेश खरकवाल – नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर
- प्रो. संजेश प्रजापति – IIT रुड़की
- प्रो. राजेश गुप्ता, चक्रवर्ती – CSE
इन विशेषज्ञों ने कम लागत वाली जल शोधन तकनीक, घरेलू अपशिष्ट जल से जुड़ी अर्थव्यवस्था, और पीपीपी मॉडल जैसे अहम बिंदुओं पर विस्तार से विचार प्रस्तुत किए।
📌 चर्चा के मुख्य बिंदु:
विषय | विवरण |
---|---|
जल पुन: उपयोग के मानक | नगरीय स्तर पर लागू मानदंडों की रूपरेखा |
नाला टेपिंग | शहरी नालों से अपशिष्ट जल को रोकना |
एसटीपी (STP) | सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यक्षमता |
पीपीपी मॉडल | जल प्रबंधन में निजी भागीदारी की भूमिका |
राज्य जल नीति | नीति निर्माण की दिशा में सुझाव |
👥 स्थानीय प्रशासन की भागीदारी
कलेक्टर इंदौर आशीष सिंह और नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और इंदौर में चल रहे जल संरक्षण अभियानों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि राज्य में चल रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत कई नवाचार पहले से ही ज़मीन पर उतर चुके हैं।
साभार…
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