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Prediction: 2035 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा भारत: गोल्डमैन सैश की भविष्यवाणी

2035 तक 10 लाख करोड़ डॉलर

Prediction:नई दिल्ली | वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य के बदलते रुख के बीच भारत को एक अभूतपूर्व आर्थिक अवसर मिलने जा रहा है। गोल्डमैन सैश इंडिया की सह-अध्यक्ष गुंजन समदानी ने सोमवार को कहा कि भारत अगले दशक में 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने यह बात CII GCC शिखर सम्मेलन में कही।


🔹 GCC का योगदान: 0.5 लाख करोड़ डॉलर का सकल मूल्यवर्धन

गुंजन समदानी ने कहा कि जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था 10 लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंचेगी, वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) देश की अर्थव्यवस्था में लगभग 0.5 लाख करोड़ डॉलर का ग्रॉस वैल्यू एडिशन (GVA) करेंगे। इसके साथ ही, यह क्षेत्र 2 से 2.5 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार देने में भी सक्षम होगा।


🔹 भारत वैश्विक विकास के केंद्र में

समदानी ने कहा कि 2035 तक वैश्विक विकास में 65% योगदान उभरते बाजारों का होगा और भारत उनमें एक प्रमुख भागीदार रहेगा। भारत न केवल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, बल्कि वह भूराजनैतिक अस्थिरता और आपूर्ति शृंखला की चुनौतियों के बीच भी रणनीतिक स्थिरता और नवाचार का केंद्र बन रहा है।


🔹 AI और ऑटोमेशन: भारत को मिलेगा लाभ

गोल्डमैन सैश की कार्यकारी ने जोर दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ऑटोमेशन, और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसे क्षेत्रों में भारत की भूमिका तेजी से बढ़ेगी। वैश्विक स्तर पर तकनीकी खर्च 2025 तक 4.92 लाख करोड़ डॉलर से अधिक हो जाने का अनुमान है और भारत इसमें AI समर्थित GCC केंद्रों के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।


🔹 भारत के पास जनसांख्यिकीय और शैक्षिक लाभ

गुंजन समदानी ने कहा कि भारत के पास एक मजबूत जनसांख्यिकीय लाभांश, STEM स्नातकों की बड़ी संख्या और AI मिशन जैसे सरकारी प्रयास हैं, जो उसे वैश्विक तकनीकी रुझानों का लाभ उठाने में सक्षम बनाते हैं। यह सब मिलकर भारत को एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में ले जा सकते हैं।


विश्लेषण: भारत का दशक बन सकता है 2030 का दशक

गोल्डमैन सैश की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब भारत लगातार FDI, नवाचार, डिजिटल अर्थव्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के मोर्चों पर मजबूती दिखा रहा है। चीन+1 नीति, ग्लोबल सप्लाई चेन शिफ्ट, और पश्चिमी देशों का एशिया पर दोबारा ध्यान भारत को एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा कर रहे हैं।

साभार… 

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