Promotion: भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 14 मार्च को विधानसभा में बड़ा बयान दिया, जिससे राज्य के हजारों कर्मचारियों के लिए उम्मीद जगी है।
👉 प्रमोशन पर 9 साल से लगी रोक हट सकती है।
👉 सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत प्रमोशन होंगे।
👉 तीन नए क्राइटेरिया तय किए गए हैं।
मप्र में प्रमोशन पर रोक क्यों लगी थी?
🔹 2002 में बनी प्रमोशन नीति में आरक्षण का प्रावधान जोड़ा गया था।
🔹 आरक्षित वर्ग को प्रमोशन मिलता गया, अनारक्षित पिछड़ते गए।
🔹 2016 में मप्र हाईकोर्ट ने प्रमोशन नीति को खारिज कर दिया।
🔹 सरकार सुप्रीम कोर्ट गई, कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
🔹 तभी से प्रमोशन बंद हैं, 1 लाख से ज्यादा कर्मचारी बिना प्रमोशन रिटायर हो चुके हैं।
क्या अब प्रमोशन मिलेगा? सरकार का नया प्लान
✅ तीन नए प्रमोशन क्राइटेरिया तय किए गए हैं।
✅ सभी प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अधीन होंगे।
✅ सरकार जल्द ही प्रमोशन को लेकर आदेश जारी कर सकती है।
राजनीतिक असर और 2018 की हार का कनेक्शन
🔸 2016 में शिवराज सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण का समर्थन किया, जिससे सवर्ण वर्ग नाराज हुआ।
🔸 ग्वालियर-चंबल अंचल में बड़े आंदोलन हुए।
🔸 2018 में बीजेपी को ग्वालियर-चंबल में भारी नुकसान हुआ।
🔸 अब चुनाव से पहले सरकार प्रमोशन का रास्ता खोलकर संतुलन बनाना चाहती है।
क्या कर्मचारियों की उम्मीदें पूरी होंगी?
📌 सरकार का संकेत पॉजिटिव है, लेकिन अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निर्भर करेगा।
📌 क्या 9 साल पुरानी समस्या का समाधान अब होगा? कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं!
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