मेंटनेंस ठेके पर उठ रहे सवाल
Questions arising:: बैतूल। नेशनल हाईवे 46 बैतूल-इटारसी भारत माला योजना के पैकेज 2 में घटिया निर्माण कार्य को लेकर केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बयान के बाद प्रशासनिक और राजनैतिक गलियारों में हडक़म्प मच गया है और अब इस निर्माण कार्य को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस प्रोजेक्ट को 2 हिस्सों में बांट दिया गया है जिसमें सतपुड़ा टाईगर रिजर्व और मेल घाट टाईगर रिजर्व कॉरिडोर को लेकर 21 किमी. की सडक़ का निर्माण अलग कर दिया गया है और 73.955 किमी. सडक़ का निर्माण 589.53 करोड़ की लागत से जितेंद्र सिंह कंपनी और लोगजियां कंपनी ने संयुक्त रूप से कार्य किया है। इनके निर्माण कार्य पर भी श्री गडकरी ने सवाल उठाए हैं। वहीं 21 किमी. सडक़ के मेंटनेंस का जो ठेका दिया गया है उस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
क्या है पूरी योजना?
भारत माला योजना के तहत एनएच 46 बैतूल से इटारसी 95 किमी. का निर्माण कार्य 1139.53 करोड़ में होना था। इस कार्य में टाईगर रिजर्व कॉरिडोर को लेकर न्यायालय में याचिका दायर हुई थी। जिसके बाद बरेठा घाट का 7 किमी., भौंरा का 8 किमी. और बागदेव का 6 किमी. मार्ग कुल 21 किमी. छोडक़र लगभग 74 किमी. का प्रोजेक्ट अलग कर दिया। जिसकी लागत 589.53 करोड़ है। वहीं 21 किमी. का प्रोजेक्ट अलग बनाया गया जिसकी लागत 550 करोड़ रुपए हैं। अभी इसके निर्माण में फारेस्ट की अनुमति का पेंच है।
मेंटनेंस पर उठ रहे सवाल
जिस 21 किमी. को पूरे प्रोजेक्ट से अलग किया गया है उसकी बदहाल सडक़ का मेंटनेंस करने के लिए गोपाल कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी को 2 करोड़ 99 लाख रुपए में ठेका दिसम्बर 2024 में दिया गया था। ठेकेदार दिसम्बर 2025 तक मेंटनेंस कार्य पूर्ण करने की समयावधि दी गई थी। लेकिन अधिकारियों का दावा है कि इस कंपनी ने कुछ कार्य किया है और कुछ कार्य इसका बाकी है जो कि जल्द पूरा किया जाएगा लेकिन इस सडक़ से निकलने वाले लोगों का दावा है कि सडक़ पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं कि आए दिन एक्सीडेंट होते हैं और जाम लगता है तो कैसा मेंटनेंस हुआ है।
काम हुआ नहीं और बिल निकल गए
चर्चा है कि जिस कंपनी को मेंटनेंस का ठेका दिया गया उस कंपनी ने सिर्फ औपचारिकता करके गड्ढों में मिट्टी डालकर बिल निकाल लिया। चर्चा यह भी है कि मेंटनेंस के नाम पर करोड़ों रुपए का भुगतान हो गया। हालंाकि इसको लेकर एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनीष मीणा से बैतूलवाणी की चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि मेंटनेंस का ठेका गोपाल कंस्ट्रक्शन को दिया गया है और यह ठेका 2 करोड़ 99 लाख रुपए का है। कुछ काम कंपनी ने किया है बाकी काम बारिश के कारण नहीं हो पाया जो जल्द कराया जाएगा। और दूसरी एजेंसी से काम कराया जाएगा।
ठेकेदारों के खिलाफ होगी क्या कार्यवाही?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान के बाद अब सवाल यह है कि फोरलेन सडक़ बनाने वाले ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्यवाही होगी। जिस सडक़ की क्वालिटी पर उन्होंने सवाल उठाए थे। वहीं अब मेंटनेंस करने वाले ठेकेदार जिन्होंने समय सीमा में सही ढंग से कार्य नहीं किया है उन पर क्या कार्यवाही होगी? इसको लेकर आम जनता में तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। यह भी सवाल उठ रहा है कि बैतूल के केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके, क्षेत्रीय विधायक श्रीमती गंगा उइके इन ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही करवाने के लिए प्रयास करेंगे या नहीं?
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