Rain: भोपाल | प्रदेश में इस बार मानसून ने जून और जुलाई में जमकर बारिश की, लेकिन अगस्त की शुरुआत अपेक्षाकृत शांत रही है। बीते एक सप्ताह से प्रदेशभर में रिमझिम बारिश का सिलसिला बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी चार दिनों तक किसी भी तेज बारिश के सिस्टम के सक्रिय होने की संभावना नहीं है। ऐसे में 8 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन प्रदेश में मौसम साफ और गर्म रहने की संभावना है।
रक्षाबंधन पर तेज धूप का अनुमान
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत पूरे प्रदेश में फिलहाल कोई सक्रिय मानसूनी सिस्टम नहीं है। यही कारण है कि बारिश का सिलसिला थम चुका है और गर्मी का असर बढ़ने लगा है। तापमान अधिकांश शहरों में 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना रहेगा।
अब तक सामान्य से अधिक बारिश, पर इंदौर-उज्जैन पिछड़े
इस सीजन (1 जून से 6 अगस्त) में प्रदेश में अब तक औसतन 28.7 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 44% अधिक है। प्रदेश की कुल औसत बारिश 37 इंच मानी जाती है, जिसका 77% हिस्सा अब तक पूरा हो चुका है।
पूर्वी मध्यप्रदेश – जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग – में औसत से 48% अधिक और पश्चिमी भाग – भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर – में 39% अधिक बारिश हुई है। हालांकि, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में अपेक्षित बारिश नहीं हुई है।
गुना में सर्वाधिक बारिश, इंदौर सबसे पीछे
इस सीजन गुना जिले में 45.8 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो पूरे प्रदेश में सबसे अधिक है। इसके बाद निवाड़ी (45.1 इंच), मंडला और टीकमगढ़ (44 इंच), अशोकनगर (42 इंच) शामिल हैं।
दूसरी ओर इंदौर जिले में मात्र 11 इंच बारिश हुई है, जबकि बुरहानपुर (11.1 इंच), बड़वानी (11.5 इंच), खरगोन (11.8 इंच), खंडवा (12.8 इंच) भी कमजोर प्रदर्शन वाले जिले हैं।
पिछले सप्ताह बने थे बाढ़ जैसे हालात
जुलाई के आखिरी सप्ताह में जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में मूसलधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। रायसेन जिले में बेतवा नदी उफान पर रही और कई पुल-मंदिर डूब गए। नर्मदा नदी अब भी ऊफान पर है और कुछ डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं।
उत्तरप्रदेश की यमुना नदी के उफान पर आने से चित्रकूट की दुकानों में पानी भर गया था।
अगस्त के दूसरे सप्ताह से फिर एक्टिव होगा मानसून
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अगस्त के दूसरे सप्ताह में फिर से स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होगा, जिससे तेज बारिश की संभावना बनेगी। इस बार प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है और अगस्त के अंत तक बारिश का कोटा पूरा होने की उम्मीद है।
इतिहास में दर्ज रिकॉर्ड
- भोपाल: अगस्त 2006 में 35 इंच बारिश, 14 अगस्त को 12 इंच
- इंदौर: अगस्त 1944 में 28 इंच, 22 अगस्त 2020 को 10.5 इंच
- ग्वालियर: अगस्त 1916 में 28 इंच, 10 अगस्त 1927 को 8.5 इंच
- जबलपुर: अगस्त 1923 में 44 इंच, 20 अगस्त को 13 इंच
- उज्जैन: अगस्त 2006 में 35 इंच, 10 अगस्त को 12 इंच
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