Recommendation: आपने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस जॉयमाल्या बागची को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश के बारे में जानकारी साझा की है। यदि उनकी नियुक्ति होती है, तो वे 25 मई 2031 को जस्टिस केवी विश्वनाथन के सेवानिवृत्त होने पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बन सकते हैं और 2 अक्टूबर 2031 को अपनी सेवानिवृत्ति तक इस पद पर रहेंगे।
जस्टिस बागची का न्यायिक करियर 27 जून 2011 को कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शुरू हुआ था। 4 जनवरी 2021 को उनका स्थानांतरण आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में किया गया, लेकिन 8 नवंबर 2021 को वे पुनः कलकत्ता हाईकोर्ट में लौट आए। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनका अनुभव 13 वर्षों से अधिक का है।
कॉलेजियम ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया कि 18 जुलाई 2013 को जस्टिस अल्तमस कबीर के सेवानिवृत्त होने के बाद से कलकत्ता हाईकोर्ट का कोई भी न्यायाधीश भारत का मुख्य न्यायाधीश नहीं बना है। इसके अलावा, वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में कलकत्ता हाईकोर्ट का केवल एक प्रतिनिधि है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से जस्टिस जॉयमाल्या बागची की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति की सिफारिश की है।
जस्टिस बागची की नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को संतुलित करने और न्यायपालिका में विविधता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
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