Rescue: शिवकाशी (तमिलनाडु) | तमिलनाडु के शिवकाशी में मंगलवार को एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण धमाके ने एक बार फिर इस उद्योग की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे में कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। आशंका है कि फैक्ट्री में अब भी कुछ लोग फंसे हो सकते हैं। राहत व बचाव कार्य जारी है।
🔥 चिन्नाकामनपट्टी गांव में हुआ हादसा
यह हादसा विरुधुनगर जिले के शिवकाशी के पास स्थित चिन्नाकामनपट्टी गांव में एक रजिस्टर्ड पटाखा फैक्ट्री में दोपहर के समय हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धमाके के बाद फैक्ट्री से लगातार धुएं के गुबार उठते रहे और अंदर पटाखों के फटने की आवाजें आती रहीं।
🗣️ SP ने की पुष्टि
विरुधुनगर जिले के एसपी कन्नन ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा कि,
“धमाका बहुत तेज़ था, जांच की जा रही है कि हादसे की वजह क्या थी। रेस्क्यू टीम मौके पर है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।”
🏥 घायलों को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया
घायलों को पास के विरुधुनगर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। दमकल और पुलिस विभाग की टीमें राहत कार्य में जुटी हुई हैं।
📊 भारत का सबसे बड़ा पटाखा हब: शिवकाशी
शिवकाशी भारत का सबसे बड़ा आतिशबाजी उत्पादक क्षेत्र है, जहां देश के 75% से अधिक पटाखे बनाए जाते हैं।
- 1,100 से अधिक रजिस्टर्ड फैक्ट्रियां
- 3 से 4 लाख लोग सीधे रोजगार में
- 5 लाख से अधिक अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े
- ₹6,000 करोड़ की बिक्री 2024 की दिवाली में
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा बेरियम नाइट्रेट जैसे प्रतिबंधित रसायनों पर बैन और पर्यावरणीय नियमों के चलते उद्योग पर दबाव बना है। साथ ही, 2024-25 में उत्पादन में 30% तक की गिरावट भी दर्ज की गई।
🏭 100 साल पुराना इतिहास
शिवकाशी का पटाखा उद्योग 1920 के दशक में शुरू हुआ था। इसे अय्या नाडार और शन्मुगा नाडार ने स्थापित किया था। यहां का गर्म और शुष्क मौसम पटाखा निर्माण के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस कारण शिवकाशी को “लिटिल जापान” के नाम से भी जाना जाता है।
❗ सुरक्षा पर सवाल
यह घटना कोई पहली नहीं है। बीते वर्षों में फैक्ट्रियों में बार-बार होने वाले विस्फोट चिंता का विषय बने हैं। despite registration and regulation, कई फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता, जिससे जानमाल की भारी क्षति होती है।
📌 जांच जारी, जिम्मेदार तय होना बाकी
पुलिस और जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। हादसे के लिए जिम्मेदार तत्वों की पहचान की जा रही है। मृतकों की पहचान और पीड़ितों के परिवार को मुआवजे पर जल्द फैसला लिया जा सकता है।
साभार…
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