सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लागू हुआ प्रतिबंध
Restrictions: भोपाल। दिसंबर–जनवरी की छुट्टियों में कान्हा टाइगर रिज़र्व घूमने की योजना बना रहे पर्यटकों के लिए निराश करने वाली खबर है। सुप्रीम कोर्ट के 17 नवंबर 2025 के आदेश के बाद कान्हा में नाइट सफारी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। पहले से की गई सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग रद्द कर दी गई हैं और पर्यटकों को पूरी राशि वापस की जा रही है।
नाइट सफारी बंद, दिन की सफारी जारी
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) भोपाल ने आदेश जारी करते हुए 1 दिसंबर से बफर जोन में होने वाली नाइट सफारी को स्थायी रूप से रोक दिया है।
हालांकि, डे-सफारी पहले की तरह जारी रहेगी और उसके सभी गेटों की वाहन संख्या भी यथावत है।
कान्हा में नाइट सफारी के तीन प्रमुख गेट थे
- खटिया
- सिझोरा
- खापा
इन्हीं रूट्स से रोजाना औसतन 1,515 वाहन नाइट सफारी में प्रवेश करते थे। अब इन सभी मार्गों को बंद कर दिया गया है।
फील्ड डायरेक्टर रविंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि बुकिंग रद्द होने पर किसी भी पर्यटक को आर्थिक नुकसान नहीं होगा।
कान्हा में 145 बाघ, समृद्ध वन्यजीव विविधता
2024 की जनगणना के अनुसार कान्हा टाइगर रिज़र्व में कुल 145 बाघ हैं—
- 115 वयस्क
- 30 शावक
यहां बारहसिंगा, तेंदुआ, गौर, चौसिंघा, स्लॉथ भालू, जंगली कुत्ते समेत अनेक वन्यजीव बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।
सरीसृपों में अजगर, कोबरा, रसेल वाइपर, और पक्षियों की 300 से अधिक प्रजातियां यहां का मुख्य आकर्षण हैं।
डे-सफारी के वाहन कोटा
खटिया गेट:
- सुबह 25 वाहन
- शाम 15 वाहन
खापा गेट:
- सुबह 20 वाहन
- शाम 12 वाहन
सिझोरा गेट:
- सुबह 20 वाहन
- शाम 12 वाहन
फेन अभयारण्य:
- सुबह 25 वाहन
- शाम 15 वाहन
पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी
कान्हा की लोकप्रियता हर साल बढ़ रही है—
- 2022–23: कोर – 1,95,735 | बफर – 31,456
- 2023–24: कोर – 1,95,877 | बफर – 45,452
- 2024–25 (25 जून तक): कोर – 1,97,146 | बफर – 54,726
विदेशी पर्यटकों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है, जिससे कान्हा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ा आकर्षण बन चुका है।
नाइट सफारी क्यों बंद की गई?
वन विभाग के अनुसार,
- रात में सफारी से वन्यजीवों पर दबाव बढ़ता है
- प्रकाश व शोर से उनके प्राकृतिक व्यवहार पर प्रभाव पड़ता है
- कोर्ट ने सभी टाइगर रिज़र्व में नाइट सफारी को लेकर सख्त रुख अपनाया है
साभार…
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