कलेक्टर के इंकार के बाद परिषद ने किया रोड डिवाईडेशन
Road division: बैतूल। मुल्ला पंप से कोतवाली थाने तक बन रही व्हाईटटॉपिंग रोड शुरू से ही विवादों का कारण बनी हुई है। पहले पंप से बस स्टैंड तक सड़क का घटिया निर्माण चर्चा में रहा। उसके बाद डिवाइडर लगाने को लेकर कई आपत्तियां और विरोध भी सामने आए। इसके बाद बस स्टैण्ड से लल्ली चौक तक की सड़क में निर्माण और डिवाइडर को लेकर विवाद चलते रहे। अब लल्ली चौक पर शिव मंदिर के सामने नाली निर्माण को लेकर आपत्तियां हो रही हैं। लेकिन सबसे बड़ी आपत्ति मुल्ला पेट्रोल पंप से बस स्टैण्ड के बीच डिवाइडर पर डिवाइडेशन न करना है।

विद्यार्थियों को लगाना पड़ रहा चक्कर
बस स्टैण्ड से मुल्ला पेट्रोल तक के मार्ग के बीच लगभग माह पूर्व डिवाइडर लगाए गए थे। डिवाइडर लगाते समय भी यह विरोध हुआ था कि शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के सामने रोड डिवाइडेशन किया जाए ताकि विद्यार्थियों को स्कूल आने के लिए लंबा चक्का न लगाना पड़े और दुर्घटनाओं से बचा जा सके। इसी मार्ग के बीच जिले की सबसे बड़ी सहकारी संस्था जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भी स्थित है। वहीं जिला पशु चिकित्सालय भी सहकारी केंद्रीय बैंक के बाजू में है जहां पूरे शहर के छोटे से लेकर बड़े जानवर इलाज कराने लाए जाते हैं। इसके अलावा इसी मार्ग के बीच जिले का सबसे बड़ा शासकीय ग्रंथालय एवं बस स्टैण्ड के पहले शासकीय छात्रावास भी स्थित है। नेहरू युवक केंद्र का मुख्यालय भी शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के बाजू में है। इतने महत्वपूर्ण संस्थान होने के बावजूद मांग होने पर भी इस पूरे मार्ग पर एक भी रोड डिवाइडेशन नहीं दिया गया। दूसरी तरफ से स्कूल आने वाले बच्चे डिवाइडर फांदकर भी आते हैं जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।

व्यापारियों का रखा गया विशेष ध्यान

एक तरफ मुल्ला पेट्रोल पंप से बस स्टैण्ड तक प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए एक भी रोड डिवाइडेशन नहीं दिया वहीं बस स्टैण्ड से लल्ली चौक तक व्यापारियों की मांग पर चार जगह रोड डिवाईडेशन किया गया है। इतने अधिक रोड डिवाइडेशन होने के कारण डिवाइडर का महत्व खत्म हो गया है। वहीं अचानक दोपहिया वाहन सामने आने के कारण दुर्घटनाएं भी हो रही है। पहला रोड डिवाइडेशन नगर पालिका के शिवाजी काम्प्लेक्स के सामने है। उससे मात्र कुछ दूरी पर ज्योति टॉकिज के आगे एक रोड डिवाइडेशन किया हुआ है। चौथा रोड डिवाईडेशन नगर पालिका के एमजी काम्प्लेक्स के सामने है। इस तरह से 200 मीटर के इस सड़क के भाग पर चार जगह रोड डिवाईडेशन किये जाने से डिवाइडर लगाने का महत्व खत्म हो गया है।
इनका कहना…
पहले कलेक्टर साहब ने मना कर दिया था कि इस तरह से डिवाईडेशन करने से डिवाईडर का मतलब नहीं निकलेगा लेकिन परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया था, उसके बाद रोड डिवाईडेशन किया गया है, अगर कहीं ओर भी जरूरत है तो आवेदन आने के बाद वहां भी कराया जाएगा।
सतीष मटसेनिया, सीएमओ नपा बैतूल
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