Rumor: नई दिल्ली | 2,000 रुपये से अधिक के UPI लेनदेन पर GST लगाने की खबरों को लेकर सोशल मीडिया और कुछ प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा गर्म थी। लेकिन शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में जारी किए गए बयानों को “झूठा, भ्रामक और पूरी तरह निराधार” बताया है।
मंत्रालय ने साफ किया: UPI ट्रांजैक्शन पर नहीं लगेगा GST
मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वर्तमान में, UPI लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) नहीं लिया जाता और इसलिए, GST भी लागू नहीं होता है।
UPI और डिजिटल इंडिया के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
वित्त मंत्रालय ने दोहराया कि सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। 2021-22 से एक प्रोत्साहन योजना भी चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को UPI अपनाने में मदद करना और ट्रांजैक्शन लागत को कम करना है।
योजना में वित्तीय आवंटन में लगातार वृद्धि
- 2021-22: ₹1,389 करोड़
- 2022-23: ₹2,210 करोड़
- 2023-24: ₹3,631 करोड़
इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार UPI जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म्स को लेकर लंबी अवधि की रणनीति पर काम कर रही है।
भारत बना वैश्विक रीयल-टाइम ट्रांजैक्शन हब
ACI वर्ल्डवाइड की रिपोर्ट (2024) के मुताबिक, भारत ने 2023 में दुनिया के कुल रीयल-टाइम लेनदेन का 49% प्रोसेस किया। यह आंकड़ा भारत की डिजिटल ताकत और तकनीकी नेतृत्व को दर्शाता है।
- UPI लेनदेन का कुल मूल्य (2019-20): ₹21.3 लाख करोड़
- अनुमानित मूल्य (मार्च 2025 तक): ₹260.56 लाख करोड़
- P2M ट्रांजैक्शन का हिस्सा: ₹59.3 लाख करोड़
यह दिखाता है कि देश में व्यापारी वर्ग और आम जनता में UPI को लेकर भारी भरोसा है।
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