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Season: मध्यप्रदेश में अक्टूबर में मिला-जुला मौसम, 21 से कई जिलों में बारिश — नवंबर से पड़ेगी कड़ाके की ठंड

मध्यप्रदेश में अक्टूबर में मिला-

Season: भोपाल। अक्टूबर महीने में मध्यप्रदेश का मौसम इस बार पूरी तरह मिला-जुला नजर आ रहा है। सुबह और रात में हल्की ठंड महसूस हो रही है, वहीं दिन में धूप और उमस बनी हुई है। मौसम विभाग का कहना है कि अक्टूबर में ऐसा ही मौसम जारी रहेगा, लेकिन नवंबर के दूसरे सप्ताह से तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा।


☁️ भोपाल में बादल, इंदौर-खंडवा में बारिश

शनिवार को पूरे प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिला।
भोपाल में दिनभर बादल छाए रहने से दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
वहीं, इंदौर और खंडवा में तेज बारिश हुई, जबकि उज्जैन समेत अन्य शहरों में भी बादल और हल्की फुहारें पड़ीं।
मौसम विभाग के अनुसार 20 अक्टूबर से बूंदाबांदी और 21 अक्टूबर से दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश का दौर शुरू होगा।


🌧️ इन जिलों में 20–22 अक्टूबर तक बारिश का असर

मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि
20, 21 और 22 अक्टूबर को इन जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक की स्थिति रहेगी—
बैतूल, नर्मदापुरम, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर।

इस दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक नया पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय होगा, जिसका असर मध्यप्रदेश पर देखने को मिलेगा।


🌡️ रात के तापमान में बढ़ोतरी, दिन में गर्मी बरकरार

हवा की दिशा बदलने से रात के तापमान में इजाफा हुआ है।
शुक्रवार-शनिवार की रात में अधिकांश शहरों में पारा 20 डिग्री से ऊपर रहा।
रीवा ही ऐसा शहर रहा, जहां रात का तापमान करीब 15 डिग्री दर्ज हुआ।
वहीं, दिन में उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर और खजुराहो में पारा 33–34 डिग्री के बीच बना हुआ है।


❄️ नवंबर से फरवरी तक ठंड का लंबा दौर, ला-नीना का असर

मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर से कड़ाके की ठंड शुरू होगी जो जनवरी तक चरम पर रहेगी।
इस बार ठंड फरवरी तक बनी रहने की संभावना है।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2010 के बाद की सबसे ठंडी सर्दी पड़ सकती है।
सर्दियों में सामान्य से अधिक बारिश भी देखने को मिल सकती है, क्योंकि उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेंगे।
आईएमडी ने ला-नीना परिस्थितियों के विकसित होने की पुष्टि भी की है।


🌧️ पूरे प्रदेश से मानसून विदा, लेकिन ‘हैप्पी एंडिंग’ के साथ

मध्यप्रदेश से मानसून 13 अक्टूबर को पूरी तरह विदा हो गया।
इस साल मानसून कुल 3 महीने 28 दिन एक्टिव रहा।
16 जून को प्रवेश और 13 अक्टूबर को वापसी हुई।
फिर भी प्रदेश में अच्छी बारिश के कारण भूजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त जल भंडारण उपलब्ध है।


इस साल बारिश का शानदार रिकॉर्ड

  • मानसूनी सीजन में 115% बारिश दर्ज की गई (अनुमान से 15% अधिक)
  • गुना सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला रहा – 65.7 इंच
  • श्योपुर में 216% अधिक बारिश, जबकि
  • शाजापुर में सबसे कम 28.9 इंच (81%) बारिश हुई
  • भोपाल, उज्जैन, बैतूल और सीहोर में सामान्य के करीब वर्षा रही

🌾 कृषि और जलस्रोतों के लिए राहतभरी खबर

विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल अच्छी वर्षा से पेयजल, फसलों और भूजल स्तर को बड़ा फायदा मिलेगा।
राज्य में ठंड और नमी दोनों का संतुलित असर रहने से रबी सीजन की फसलों के लिए अनुकूल वातावरण बनने की उम्मीद है।

साभार… 

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