Signboard: संभल: एक बार फिर संभल की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद सुर्खियों में है, लेकिन इस बार किसी विवादित बयान या हिंसा को लेकर नहीं, बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से जारी किए गए एक नए साइनबोर्ड के कारण। ASI की नई प्लाक में मस्जिद का नाम “शाही जामा मस्जिद” के बजाय “जुमा मस्जिद” लिखा गया है, जिससे एक बार फिर इस स्थल को लेकर बहस की संभावना जताई जा रही है।
ASI ने क्या कहा?
ASI के वकील विष्णु शर्मा के मुताबिक, नया बोर्ड संस्था के आधिकारिक दस्तावेजों में दर्ज नाम “जुमा मस्जिद” के आधार पर तैयार किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले जो बोर्ड लगाया गया था, उसे कथित तौर पर स्थानीय लोगों ने हटाकर “शाही जामा मस्जिद” वाला बोर्ड लगा दिया था। नए साइनबोर्ड को लेकर कहा गया है कि मस्जिद परिसर के अंदर पहले से ही ‘जुमा मस्जिद’ नाम से ASI का एक नीला बोर्ड मौजूद है।
क्या फिर शुरू होगा विवाद?
यह मस्जिद पहले भी विवादों के घेरे में रही है। बीते साल 24 नवंबर को एक याचिका के बाद जब ASI की टीम ने यहां सर्वे करने की कोशिश की थी, तब हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 4 लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे। इसके बाद क्षेत्र में कर्फ्यू और इंटरनेट बंदी जैसे कदम उठाने पड़े थे।
नाम में क्या है?
- “जामा मस्जिद” और “जुमा मस्जिद” शब्द भाषाई रूप से एक ही भावना को दर्शाते हैं — जुमे की नमाज़ के लिए बनाई गई मुख्य मस्जिद।
- “शाही” शब्द इसे एक विशेष ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व देता है।
- नाम परिवर्तन (या सही कहें, दस्तावेज़ों के अनुसार पुनर्स्थापन) का असर स्थानीय पहचान और धार्मिक भावनाओं पर पड़ सकता है।
फिलहाल शांति, पर सतर्कता जरूरी
अब तक इस नए साइनबोर्ड को लेकर किसी संगठन या समुदाय ने औपचारिक आपत्ति नहीं जताई है, लेकिन प्रशासन और स्थानीय प्रशासन सतर्क हैं, ताकि कोई नई विवादित स्थिति न बने।
साभार…
Leave a comment