ग्वालियर स्टेशन से 7 माह पहले हुआ था लापता
Social media: ग्वालियर(ई-न्यूज)। सोशल मीडिया के शौकीनों द्वारा कई बार इतनी अच्छी जानकारी वायरल कर दी जाती है जिससे लोगों को लाभ मिल जाता है। ऐसा ही मामला बैतूल में डीएसपी रहे और अब ग्वालियर में पदस्थ संतोष पटेल की रील से हुआ है। उनके द्वारा रील बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से 7 माह से लापता बेटा माता-पिता को मिल गया है। परिजन बेटे को लेकर के लिए400 किमी. दूर से पहुंचे हैं।
पुलिस कर रही थी प्रयास
जानकारी के अनुसार 7 महीने पहले युवक के पिता उसे यूपी के आगरा इलाज के लिए ले जा रहे थे। तभी ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन बदलते समय प्लेटफार्म पर बेटा लापता हो गया। काफी तलाश किया, लेकिन वह नहीं मिला। जीआरपी ग्वालियर में भी सूचना दी पर कोई सफलता नहीं मिल रही थी। इस बीच, यह लडक़ा लावारिस स्थिति में सडक़ पर पुलिस को मिल गया। उससे लगातार पारिवारिक डिटेल्स पूछी जा रही थी, लेकिन वह अपने नाम के अलावा कुछ भी नहीं बता पा रहा था। बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। जहां वह बालिग निकला तो उसे आश्रम स्वर्ग सदन भेज दिया गया।
डीएसपी के प्रयास से परिजनों को मिला बेटा
इस बीच, 15 जून को डीएसपी संतोष पटेल अपने बेटे के साथ आश्रम में फादर्स डे सेलिब्रेट करने पहुंचे थे। जब उन्होंने इस लडक़े को देखा तो उससे बात करने लगे। उसकी भाषा चित्रकूट की तरफ की लगी। आश्रम की तरफ से उसकी कहानी बताई गई तो डीएसपी ने एक रील सोशल मीडिया पर शेयर कर दी, जिसे सिर्फ ढाई घंटे में ही रील को 10 लाख से ज्यादा लोगों ने देख लिया। रील 400 किलोमीटर दूर चित्रकूट कर्बी के सपहा गांव पहुंच गई। इसके बाद 28 जून को बेटे को लेने उसके मां-पिता ग्वालियर आए और उसे ले गए।
नहीं मिल रही थी सफलता
स्वर्ग सदन में लावारिस मिले निर्भय से लगातार बातचीत की जाती थी, जिससे वह अपने परिवार के बारे में कुछ बता सके। वह आए दिन कुछ न कुछ बड़बड़ाता रहता था। कई बार उससे उसके घर का पता पूछा जाता था तो वह बता नहीं पाता था। विकास गोस्वामी की टीम लगातार उसकी काउंसलिंग कर रही थी, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। 15 जून को फादर्स-डे के विशेष मौके पर डीएसपी संतोष पटेल ग्वालियर आए थे। वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ आश्रम स्वर्ग सदन पहुंचे और रील बनाकर पोस्ट की थी इससे सफलता मिली।
रील से मिली सफलता
जब उन्होंने निर्भय को वहां देखा तो उससे बातचीत की। जब उससे उसका नाम पूछा तो उसने निर्भय बताया फिर पिता का नाम लक्ष्मी और जाति पूछने पर चित्रकूट बोला। उसकी भाषा को वह कुछ ही मिनट की बातचीत में समझ गए। डीएसपी संतोष पटेल खुद भी चित्रकूट की तरफ के हैं तो उनको लगा कि यह वहीं से है। उन्होंने निर्भय के साथ एक रील बनाई। इसके बाद डीएसपी की मां का स्वास्थ गड़बड़ हो गया था। जिस कारण वह रील को अपलोड नहीं कर सके। 27 जून को डीएसपी पटेल ने अपने सोशल मीडिया पर इस रील को शेयर किया। सिर्फ ढाई घंटे में 10 लाख लोगों ने यह रील देखी। इनमें से एक व्यूअर निर्भय का मौसेरा भाई भी था। उन्होंने डीएसपी से संपर्क किया। ग्वालियर स्टेशन पर खो गया था निर्भय 28 जून शनिवार को निर्भय के पिता लक्ष्मी प्रसाद, मां गायत्री देवी, मौसा मेवालाल, मौसेरा भाई अजय ग्वालियर पहुंचे थे। यह सभी चित्रकूट कर्वी के रंगौली तहसील के सपहा गांव के रहने वाले हैं। इस गांव की दूरी ग्वालियर से लगभग 400 किलोमीटर है।
आगरा ले जाते समय हुआ था लापता
पिता लक्ष्मी प्रसाद ने बताया कि निर्भय तीन बच्चों में सबसे छोटा है। उसका मस्तिष्क सामान्य इंसान की तरह नहीं है। वह उसे इलाज के लिए आगरा उत्तर प्रदेश लेकर आते हैं। आगरा आते-जाते समय वह ग्वालियर स्टेशन से ही चित्रकूट के लिए ट्रेन पकड़ते हैं। दिसंबर 2024 में वह आगरा से लौटते समय ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। बेटे को दवा खिलाने के बाद वह पानी लेने चले गए। लौटकर आए तो निर्भय वहां पर नहीं था। काफी तलाश किया, लेकिन नहीं मिला। इसके बाद पिता लक्ष्मी प्रसाद ने जीआरपी थाना में सूचना दी। कई बार पिता बेटे की तलाश में ग्वालियर आया पर कोई सफलता नहीं मिली। मां-पिता को देखते ही लिपटकर रोने लगा शनिवार की सुबह जब निर्भय ने आश्रम स्वर्ग सदन के दरवाजे पर अपने पिता और मां को देखा तो उसकी आंखों से आंसू बह निकले। मां के गले से लिपटकर वह रोने लगा। दोनों ने बेटे के साथ खाना खाया और विकास गोस्वामी के साथ उसे ले जाने की कागजी कार्रवाई पूरी की। इसके बाद परिवार के साथ निर्भय वापस अपने गांव सपहा कर्बी चित्रकूट के लिए रवाना हो गया। मां बोलीं- मुझे यकीन था बेटा मिलेगा। इस मामले में जब निर्भय की मां गायत्री देवी से बात की तो उनका कहना था कि उनको यकीन था कि उनका बेटा एक दिन वापस आएगा। उनको अपने भगवान पर पूरा भरोसा था।
बालाघाट नक्सल एरिया में हैं पदस्थ
डीएसपी संतोष पटेल पांच महीने पहले तक ग्वालियर के बेहट सर्कल के एसडीओपी हुआ करते थे। ग्वालियर में वे अपनी पुलिसिंग के साथ-साथ सोशल मीडिया एक्टिविटी के लिए जाने जाते हैं। वर्तमान में डीएसपी संतोष पटेल मध्यप्रदेश के बालाघाट के नक्सल प्रभावित एरिया में पदस्थ हैं। वे 15 जून को अपनी मां के स्वास्थ बिगडऩे पर ग्वालियर आए थे और समय मिलने पर आश्रम स्वर्ग सदन पहुंच गए। वह बैतूल में भी पदस्थ रह चुके हैं।
साभार…
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