Solar Energy:भोपाल : मध्यप्रदेश का सौर ऊर्जा क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है और यह राज्य भारत के अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
मुख्य बिंदु:
सौर ऊर्जा में अग्रणी:
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 32 गुना बढ़ी है।
मध्यप्रदेश ने पिछले दशक में अपनी नवकरणीय ऊर्जा क्षमता को 14 गुना से अधिक बढ़ाया है।
2030 तक 20 गीगावाट का लक्ष्य:
राज्य सरकार ने वर्ष 2030 तक 20 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
वर्तमान में 5 बड़ी सौर परियोजनाएँ 2.75 गीगावाट ऊर्जा का उत्पादन कर रही हैं।
नीमच और मुरैना की बड़ी परियोजनाएँ:
नीमच: 170 मेगावाट सौर परियोजना पूरी तरह से सक्रिय है।
मुरैना: हायब्रिड उत्पादन और स्टोरेज पार्क, जो दिन में ऊर्जा स्टोर करेगा और रात में पीक ऑवर में सप्लाई देगा।
किसानों के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता:
कुसुम योजना: किसानों के लिए 1490 मेगावाट क्षमता के संयंत्र स्वीकृत, 39 मेगावाट की क्षमता पहले ही स्थापित।
मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना: अगले 3 वर्षों में 30 लाख किसानों को सौर पंप उपलब्ध कराने का लक्ष्य।
निवेश और रोजगार:
मध्यप्रदेश ने 5,21,279 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आकर्षित किए, जिससे 1,46,592 नौकरियाँ सृजित होंगी।
नेट ज़ीरो कार्बन लक्ष्य:
भारत के 2070 तक ‘नेट ज़ीरो कार्बन’ लक्ष्य में मध्यप्रदेश की सौर ऊर्जा पहल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
साभार…
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