Strategy: नई दिल्ली। भारत सरकार ने अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि भविष्य में देश पर होने वाला हर आतंकी हमला ‘एक्ट ऑफ वॉर’ (युद्ध की कार्रवाई) माना जाएगा। न्यूज एजेंसी को टॉप सरकारी सूत्रों ने बताया कि ऐसे किसी भी हमले का जवाब भी उसी अंदाज़ में और तीव्रता के साथ दिया जाएगा। यह नीति खास तौर पर पहलगाम आतंकी हमले के बाद और पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम (सीजफायर) से पहले तय की गई है।
प्रधानमंत्री ने लगातार दो दिन की सेना प्रमुखों से बैठक
इस फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली स्थित अपने आवास पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, CDS और सेना प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। यह 24 घंटों के भीतर प्रधानमंत्री की सेना प्रमुखों के साथ दूसरी बैठक थी, जो सरकार की गंभीरता को दर्शाती है।
‘एक्ट ऑफ वॉर’ को कैसे परिभाषित करती है सरकार
भारत में ‘एक्ट ऑफ वॉर’ को निर्धारित करने के लिए कोई एकमात्र कानून नहीं है। यह फैसला भारतीय संविधान, भारतीय दंड संहिता, रक्षा कानूनों और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के तहत किया जाता है। सरकार किसी भी घटना को राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर हमला मानते हुए ‘एक्ट ऑफ वॉर’ घोषित कर सकती है। अब आतंकी हमले भी इसी श्रेणी में रखे जाएंगे।
भारत ने पाकिस्तान पर लगाए दो गंभीर आरोप
9 मई को शाम 5:30 बजे विदेश मंत्रालय ने तीसरे दिन लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पाकिस्तान के खिलाफ दो गंभीर अंतरराष्ट्रीय आरोप लगाए। इसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद रहे।
1. रिहायशी इलाकों को जानबूझकर बनाया निशाना
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने भारतीय शहरों, सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर और कुछ सैन्य ठिकानों को जानबूझकर निशाना बनाया। पुंछ में गुरुद्वारे पर हमला इसका उदाहरण है। पाकिस्तान ने इन हमलों की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर, उल्टे भारत पर आरोप मढ़ने की कोशिश की।
2. इंटरनेशनल एविएशन रूट्स का उल्लंघन
7 मई 2025 की रात 8:30 बजे पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, लेकिन अपने एयरस्पेस को बंद नहीं किया, जिससे नागरिक विमानों को खतरा हुआ। भारतीय एयरस्पेस नागरिक उड़ानों के लिए बंद है, लेकिन पाकिस्तान में दमम से लाहौर तक एक नागरिक उड़ान संचालित होती रही। विदेश मंत्रालय ने इसे नागरिकों को ‘मानव ढाल’ के रूप में इस्तेमाल करना करार दिया।
आगे क्या? युद्ध का जवाब युद्ध से
यह स्पष्ट है कि भारत अब अपने खिलाफ किसी भी आतंकी हमले को सिर्फ सुरक्षा की चुनौती नहीं बल्कि राष्ट्रीय सम्मान और संप्रभुता पर आघात मानते हुए जवाब देगा। सरकार की नई नीति स्पष्ट संकेत है कि ‘नया भारत’ किसी भी हमले का जवाब ‘नीतिगत और सैन्य रूप से’ देगा — और वह भी उसी पैमाने पर।
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