The first such university: उज्जैन। महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय के आधिकारिक दस्तावेजों पर ‘इंडिया’ शब्द की जगह ‘भारत’ शब्द का उपयोग किया जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जो भारतीय संस्कृति और परंपरा को प्राथमिकता देने की दिशा में उठाया गया कदम है।
मुख्य बिंदु:
📌 ‘इंडिया’ के स्थान पर ‘भारत’ का उपयोग – विश्वविद्यालय के सभी आधिकारिक दस्तावेजों, वेबसाइट, विद्यार्थियों की कॉपी और कैलेंडर में अब ‘भारत’ शब्द ही प्रयुक्त होगा।
📌 31 मार्च को दीक्षांत समारोह – कालिदास संस्कृत अकादमी में होगा आयोजन।
📌 संस्कृत को बढ़ावा देने की पहल – उज्जैन के नागरिकों को संस्कृत से जोड़ने और शिक्षकों की उपलब्धता के लिए ‘रिसोर्स पूल सिस्टम’ विकसित किया गया।
प्रश्न उठते हैं:
✅ क्या अन्य विश्वविद्यालय भी इसी तरह ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ शब्द अपनाएंगे?
✅ इस बदलाव से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
✅ संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए और क्या नए कदम उठाए जा सकते हैं?
source internet… साभार….
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