The great time: उज्जैन | अक्षय तृतीया, जिसे ‘अखातीज’ भी कहा जाता है, इस बार 30 अप्रैल को अत्यंत शुभ योगों के साथ मनाई जाएगी। इस दिन को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, जिसका अर्थ है कि किसी भी शुभ कार्य के लिए विशेष मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार, इस वर्ष अक्षय तृतीया पर बुधवार, रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग और वृषभ राशि के चंद्रमा का संयोग बन रहा है, जो इसे और भी विशेष बना देता है। यह दिन सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण करता है, जो हर प्रकार के कार्य को सफल बनाने वाला माना गया है।
क्यों विशेष है यह अक्षय तृतीया?
- दिन भर अबूझ मुहूर्त, किसी भी समय शुभ कार्य संभव
- सोना, चांदी, वाहन, बर्तन, संपत्ति आदि की खरीदी से होती है स्थायी समृद्धि
- नया व्यापार, नया प्रतिष्ठान, घर की नींव, या शुभ निवेश के लिए श्रेष्ठ समय
- विवाह जैसे मांगलिक कार्य भी इस दिन विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं
- शहरों में सामूहिक विवाह के आयोजन होंगे, पूरे दिन शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी
धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व
- भगवान शिव को जल अर्पण, गलंतिका बांधना
- भगवान विष्णु की मूर्ति पर चंदन लेपन और जलाधिवास
- जल से भरी लाल मटकी में काले तिल और खरबूजा रखकर दान करें
- प्याऊ लगाना, पशु-पक्षियों के लिए जलपात्र रखना, ये सब कार्य अक्षय पुण्य प्रदान करते हैं
- पितरों की प्रसन्नता के लिए जलदान व कल्याणकारी कार्य अत्यंत फलदायी माने गए हैं
खरीदी का महामुहूर्त
सोना-चांदी के बाजारों से लेकर ऑटो शोरूम और ऑनलाइन ई-कॉमर्स साइट्स तक, अक्षय तृतीया को देखते हुए विशेष छूट और ऑफर की तैयारी की जा रही है। व्यापारियों को इस दिन जबरदस्त ग्राहकी की उम्मीद है।
नए संकल्प, नई शुरुआत का दिन
अक्षय तृतीया केवल धार्मिक नहीं, बल्कि व्यवसायिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। जो भी कार्य इस दिन आरंभ किया जाता है, वह स्थायित्व और सफलता की दिशा में अग्रसर होता है।
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