बच्चे को कलंकित करने के बजाए उसके दृष्टिकोण को करें शामिल
खबर बनाते समय पीड़ित बच्चों के सर्वोत्तम हित को दे प्राथमिकता
Training Sessions: बैतूल। रिपोर्टिंग करते समय अथवा खबर बनाने के दौरान पत्रकारों और मीडिया को अपराध पीड़ित बच्चों की आवाज को प्राथमिकता के साथ सुनना चाहिए। उन्हें अपनी बात कहने के लिए मंच प्रदान करना चाहिए जो कि मीडिया बेहतर तरीके से दे सकता है। मीडिया का मिशन बच्चों के सर्वोत्तम हित को साकार करने के लिए होना चाहिए। उक्त उद्बोधन पीएमश्री जयवंती हाक्सर महाविद्यालय के विवेकानंद सभागृह में राष्ट्रीय जनसहयोग एवं महिला विकास मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा आयोजित वात्सल मिशन के तहत बच्चों के खिलाफ अपराधों से संबंधित मुद्दों को उजागर करने में मीडिया की भूमिका, क्या करें और क्या ना करें? विषय पर आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर संजय शुक्ला ने दिया। इस अवसर पर जनसहयोग दिल्ली से आई सुश्री अभिलाषा मिश्रा, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अभिषेक जैन, सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य, विभागों के अधिकारी-कर्मचारी सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी गौतम अधिकारी, बाल संरक्षण अधिकारी विनोद इवने सहित अन्य उपस्थित थे।
अपराध पीडि़त बच्चे को ना करें कलंकित
प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए श्री शुक्ला ने कहा कि अपराध से पीड़ित बच्चा पहले से ही डरा-सहमा हुआ होता है। उसे सिर्फ एक आंकड़ा ना समझे बल्कि उसके प्रति पूरी संवेदनशीलता मीडिया को दिखानी चाहिए। मीडिया के ऐसे करने से जहां अपराध से पीडि़त को सहानुभूति प्राप्त होती है वहीं उसे यह एहसास भी होता है कि समाज उसके साथ खड़ा हुआ है। खबर बनाते समय मीडिया को गैर संवेदनशील भाषा, भ्रामक शीर्षक और सनसनीखेज शब्दों से बचना चाहिए।
सर्वोत्तम हित को दे प्राथमिकता
मीडिया को समाज में अपराधों को उजागर करने के साथ ही बच्चों के सर्वोत्तम हित को प्राथमिकता देना चाहिए। इसके साथ ही अपराध से पीड़ित बच्चे को न्याय दिलाने में हर संभव मदद भी करना चाहिए। विशेषकर अपराध से पीडि़त बच्चे की खबर बनाते समय उसका नाम, पिता का नाम, पता एवं फोटो का उपयोग नहीं करना चाहिए। कुल मिलाकर जितना हो सके बच्चे की पहचान को उजागर करने से बचना चाहिए।
समाज को अपराध से बचाता है मीडिया
मीडिया के बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। आज जरा-जरा सी परेशानियां आने पर सबसे पहले मीडिया को याद किया जाता है। मीडिया ही अपराधियों को उजागर कर समाज को अपराध से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ताकि समाज अपराधों से बच सके। इसके अलावा मीडिया अपराधों के समाज को बचाने के लिए समय-समय पर अपनी खबरों के माध्यम से जागरूक करने का कार्य भी लगातार करता आ रहा है।
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