Transfer: भोपाल | मध्य प्रदेश सरकार ने दो वर्षों के लंबे अंतराल के बाद कर्मचारियों के तबादलों पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया। इसके तहत प्रदेश में 1 मई से 30 मई तक तबादलों की प्रक्रिया चलाई जाएगी।
नई तबादला नीति के प्रमुख बिंदु:
- तबादले प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर: अब जिले के अंदर और बाहर दोनों प्रकार के ट्रांसफर प्रभारी मंत्री की सिफारिश से होंगे। एक जिले से दूसरे जिले में तबादले के लिए प्रभारी मंत्री की अनुशंसा के बाद संबंधित मंत्री की स्वीकृति आवश्यक होगी।
- ट्रांसफर रेशियो तय:
- 200 पद तक वाले विभाग: 20% तबादले
- 201–1000 पद: 15%
- 1001–2000 पद: 10%
- 2001 से अधिक पद: 5%
- विभाग बना सकेंगे अपनी नीति: किसी विभाग को अपनी ट्रांसफर पॉलिसी बनाने की छूट होगी, बशर्ते वह मूल नीति के रेशियो में बदलाव न करे।
- सीनियर अधिकारियों के तबादले: केवल मुख्यमंत्री की अनुमति से ही होंगे।
प्रशासनिक व स्वैच्छिक आधार पर ट्रांसफर:
तबादले प्रशासनिक ज़रूरतों और स्वैच्छिक अनुरोधों दोनों पर आधारित हो सकते हैं। यदि स्वैच्छिक ट्रांसफर अधिक हुए, तो प्रशासनिक ट्रांसफरों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्पष्ट किया: कि नई नीति में पारदर्शिता के साथ ट्रांसफर की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा और प्रत्येक स्तर पर मंत्रीगण की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
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