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Transfer Policy: मध्य प्रदेश में नई तबादला नीति 2025 लागू, जानें प्रमुख नियम

मध्य प्रदेश में नई तबादला नीति

Transfer Policy: मध्य प्रदेश सरकार ने महेश्वर में हुई कैबिनेट बैठक के बाद नई तबादला नीति 2025 के आदेश जारी कर दिए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) द्वारा जारी आदेश में राज्य स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों पर प्रतिबंध लागू रहेगा, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में विभागीय मंत्री की स्वीकृति से तबादले किए जा सकेंगे

तबादलों के लिए निर्धारित नियम

सरकार ने तबादलों को लेकर कुछ विशेष परिस्थितियों में आंशिक छूट दी है—

1. स्वास्थ्य कारणों से तबादला

यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी गंभीर बीमारी (जैसे कैंसर, लकवा, हार्ट अटैक) से पीड़ित हो, तो उसे तात्कालिक आधार पर तबादले की अनुमति दी जा सकती है।

2. न्यायालयीन आदेश पर तबादला

यदि किसी कर्मचारी के तबादले का आदेश कोर्ट द्वारा अनिवार्य रूप से जारी किया गया हो, तो अन्य कोई कानूनी विकल्प न होने पर तबादला किया जाएगा।

शर्त: संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित नहीं होनी चाहिए।

3. अनुशासनात्मक कार्यवाही या भ्रष्टाचार के मामलों में तबादला

  • यदि किसी कर्मचारी के खिलाफ गंभीर शिकायतें या अनियमितता के आरोप सिद्ध हो चुके हैं, तो मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही होने पर उसका तबादला किया जा सकता है।
  • लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) या पुलिस द्वारा किसी आपराधिक प्रकरण में दर्ज कर्मचारी का भी तबादला किया जाएगा, यदि अभियोजन प्रक्रिया से जांच प्रभावित होने की संभावना हो।

4. प्रशासनिक आवश्यकताओं के आधार पर तबादला

  • निलंबन, त्यागपत्र, सेवानिवृत्ति, पदोन्नति या प्रतिनियुक्ति से वापसी की स्थिति में रिक्त पदों को भरने के लिए तबादले किए जा सकते हैं।
  • यदि किसी सरकारी परियोजना का कार्य पूरा हो गया हो या संबंधित पद को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया हो, तो कर्मचारी का तबादला संभव है।
  • लोकहित में तबादले सुनिश्चित किए जाएंगे, लेकिन यह ध्यान रखा जाएगा कि जहां से तबादला किया जा रहा है, वहां पद रिक्त न हो और नए स्थान पर अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति न हो।

सीएम कार्यालय के मामलों में विशेष अनुमोदन अनिवार्य

  • यदि मुख्यमंत्री कार्यालय से किसी तबादले के लिए आदेश प्राप्त होता है, तो संबंधित विभाग के सचिव को प्रशासकीय अनुमोदन लेकर आदेश जारी करना होगा।
  • यदि तबादला प्रकरण विभागीय नीति के अनुरूप नहीं है, तो पहले विभागीय मंत्री से अनुमोदन लिया जाएगा, फिर मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रस्ताव भेजकर अंतिम आदेश प्राप्त किया जाएगा

तबादलों पर प्रतिबंध लागू रहेगा, लेकिन विशेष परिस्थितियों में ही तबादले किए जाएंगे

  • अनुशासनात्मक कार्रवाई, स्वास्थ्य कारणों और न्यायालयीन आदेशों के आधार पर तबादला संभव होगा।
  • मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त उच्च प्राथमिकता वाले तबादला मामलों में विभागीय मंत्री और सचिव की मंजूरी अनिवार्य होगी।

नई तबादला नीति के तहत सरकार ने सख्त नियम लागू कर दिए हैं, जिससे तबादलों में पारदर्शिता बनी रहे और निष्पक्ष प्रशासन सुनिश्चित हो सके

source internet…  साभार…. 

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