Transparency: भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रशासनिक कामकाज में तेजी और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मंत्रालय में ई-ऑफिस सिस्टम लागू किया है। लेकिन इस डिजिटल व्यवस्था को प्रभावी बनाने में मंत्रियों और उनके स्टाफ का सहयोग नहीं मिलने से यह प्रणाली अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रही है।
मंत्रालय में ई-फाइलिंग की वर्तमान स्थिति
- ई-फाइलिंग का उद्देश्य:
एक जनवरी से मंत्रालय में ई-फाइलिंग सिस्टम लागू किया गया है, जिससे फाइलों का काम डिजिटल रूप से तेजी से निपटाया जा सके और कागजों का खर्च कम हो। - मंत्रियों की भूमिका:
ई-फाइलिंग प्रणाली लागू होने के बावजूद, मंत्रियों के कार्यालय में अब भी फाइलें मैनुअल रूप से तैयार की जा रही हैं। - दुश्वारियां:
अधिकारियों को ई-फाइल का प्रिंट निकालकर मैनुअल रूप में मंत्री के आवास पर भेजना पड़ता है। मंजूरी मिलने के बाद, फाइल को दोबारा स्कैन करके डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना पड़ता है।
मंत्रियों के स्टाफ को प्रशिक्षण के बावजूद समस्याएं
ई-ऑफिस प्रणाली को समझने के लिए मंत्रियों के निजी स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया था। इसके बावजूद, डिजिटल प्लेटफॉर्म को लेकर रुचि की कमी है। अब अधिकारियों ने एक बार फिर से प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की योजना बनाई है।
ई-ऑफिस सिस्टम के लाभ
- कार्य की गति और पारदर्शिता:
- हर फाइल की लोकेशन ट्रैक की जा सकती है।
- फाइल निपटाने की समय-सीमा तय होने से जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
- कागजी कामकाज की कमी:
- फाइलों के ढेर कम होंगे और काम ऑनलाइन होने से समय बचेगा।
- कार्य कुशलता में सुधार:
- इमरजेंसी में फाइल को एक क्लिक में एक्सेस किया जा सकता है।
- फाइल रोकने या देरी करने वालों पर कार्रवाई हो सकेगी।
आगे की योजना
ई-ऑफिस प्रणाली के क्रियान्वयन में आई समस्याओं को देखते हुए, कर्मचारियों और अधिकारियों को दोबारा प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग का मानना है कि स्थिति सामान्य होने में छह महीने का समय लग सकता है।
चुनौतियां और समाधान
- मंत्रियों की भूमिका:
यदि मंत्री ई-फाइलिंग प्रणाली को अपनाने में रुचि दिखाएं, तो इस प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू किया जा सकता है। - समग्र प्रशिक्षण:
कर्मचारियों को बार-बार प्रशिक्षण देकर डिजिटल प्रणाली की जटिलताओं को दूर करना होगा।- मंत्रालय में ई-ऑफिस सिस्टम एक दूरदर्शी पहल है, जो प्रशासनिक कार्यों को तेज और पारदर्शी बनाएगी। हालांकि, मंत्रियों और उनके स्टाफ की उदासीनता इस प्रक्रिया को बाधित कर रही है। यदि सभी स्तरों पर डिजिटल प्रणाली को गंभीरता से अपनाया जाए, तो सरकार का यह प्रयास बड़े बदलाव ला सकता है।
source internet… साभार….
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