3 महीने में शुरू होंगे प्रत्यारोपण केंद्र
Transplant: इंदौर: मध्य प्रदेश में आंखों की रोशनी से वंचित हजारों मरीजों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब प्रदेश के जिला अस्पतालों में कॉर्निया ट्रांसप्लांट (नेत्र प्रत्यारोपण) की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को स्वास्थ्य विभाग ने मंजूरी दे दी है।
15 जिलों में पहले चरण की शुरुआत
योजना के पहले चरण में इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों को शामिल किया गया है। यहां जिला अस्पतालों को प्रत्यारोपण केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। डॉक्टरों और तकनीकी स्टाफ को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे अपने-अपने जिलों में इस अत्याधुनिक प्रक्रिया को लागू कर सकें।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज बनेगा ट्रेनिंग सेंटर
1 जुलाई से इंदौर स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होगा।
- डॉक्टरों को 1 माह
- तकनीशियनों को 15 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह प्रशिक्षण कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की विशेषज्ञ टीम द्वारा दिया जाएगा, जो पहले से हर साल करीब 100 कॉर्निया प्रत्यारोपण कर रही है।
यहां पहले से नेत्र बैंक भी कार्यरत है, जो इस योजना के संचालन में सहायक बनेगा।
जिला अस्पताल पहले से हैं तैयार
राज्य के अधिकांश जिला अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर, माइक्रोस्कोप और अन्य जरूरी उपकरण पहले से ही मौजूद हैं क्योंकि यहां मोतियाबिंद सर्जरी जैसी प्रक्रियाएं नियमित रूप से होती हैं। ऐसे में कॉर्निया ट्रांसप्लांट भी बिना भारी निवेश के शुरू किया जा सकेगा।
गरीब और ग्रामीण मरीजों को मिलेगा बड़ा फायदा
एमवाय अस्पताल, इंदौर के नेत्र विभाग की प्रमुख डॉ. प्रीति रावत के अनुसार, यह सुविधा उन मरीजों के लिए वरदान साबित होगी जो इलाज के लिए बड़े शहर नहीं पहुंच सकते या आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। इससे नेत्रदान को भी प्रोत्साहन मिलेगा और अधिक लोगों को रोशनी मिल सकेगी।
तीन महीने में शुरू होंगे ट्रांसप्लांट सेंटर
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद तीन महीनों में सभी जिलों में प्रत्यारोपण केंद्र चालू कर दिए जाएंगे। यह योजना स्वास्थ्य विभाग और राज्य शासन के सहयोग से लागू की जा रही है।
प्रमुख तथ्य संक्षेप में:
- शुरुआत: 1 जुलाई 2025 से
- स्थान: एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर
- प्रशिक्षण अवधि: डॉक्टर – 1 माह, टेक्नीशियन – 15 दिन
- पहला चरण: इंदौर व उज्जैन संभाग के 15 जिले
- उद्देश्य: नेत्रदान को बढ़ावा और कॉर्निया प्रत्यारोपण की सुविधा का विकेंद्रीकरण
- लाभार्थी: आर्थिक रूप से कमजोर और दूरदराज के मरीज
- साभार…
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