Trembled to death: मेरठ: डॉक्टर साहब, मैं हाथ जोड़ती हूं… मुझे बस एक बार बच्चों का चेहरा दिखा दो। नहीं तो मर जाऊंगी। भगवान, मेरे बच्चों को बचा लो।”
यह करुण पुकार थी उस मां की, जिसने अपने दोनों मासूम बच्चों को ज़हर पिला दिया और खुद भी मौत को गले लगाने की कोशिश की। ये दर्दनाक घटना मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में बुधवार को सामने आई, जिसमें 5 साल की बेटी जायरा की मौत हो गई, जबकि मां आबिदा और 3 साल का बेटा जैद अस्पताल में भर्ती हैं।
💔 झगड़े के बाद खौफनाक कदम
8 साल पहले जटौली गांव के राशिद से निकाह करने वाली आबिदा अक्सर घरेलू कलह से जूझ रही थी। राशिद सब्जी-फल का ठेला लगाता था, लेकिन परिवार वालों के मुताबिक वह लगातार काम से बचता और घर पर बैठा रहता था, जिससे आर्थिक संकट और तनाव बना रहता था। बुधवार दोपहर करीब 3 बजे राशिद से फिर किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। इसके बाद राशिद घर से बाहर निकल गया। गुस्से और गम में डूबी आबिदा ने पहले अपनी 5 साल की बेटी और 3 साल के बेटे को ज़हर दिया, फिर खुद भी ज़हर खा लिया।
🏥 बेटी की मौत, मां-बेटे का इलाज जारी
कुछ ही देर में तीनों की तबीयत बिगड़ गई। चीख-पुकार सुनकर परिजन और पड़ोसी दौड़े। तीनों को तुरंत पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टर बेटी जायरा को बचा नहीं सके। मां और बेटा अब भी जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं। डॉक्टरों ने मां को उसकी बेटी की मौत की खबर नहीं दी। वह बार-बार बच्चों के बारे में पूछ रही है, रो-रोकर बेहाल है। उसे सिर्फ यही कहा गया कि बच्चे इलाज में हैं। बेटी को देखे बिना वह एक पल भी जीने को तैयार नहीं है।
🏃♂️ बेटी की मौत की खबर सुन राशिद फरार
पुलिस के मुताबिक, जब पति राशिद को घटना की जानकारी मिली, वह डर गया और अस्पताल की ओर भागा। लेकिन रास्ते में बेटी की मौत की खबर मिलने पर वह गायब हो गया। फिलहाल पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंचे और महिला के बयान दर्ज किए।
🧑⚖️ पड़ोसियों और परिवार का बयान
स्थानीय लोगों का कहना है कि राशिद अक्सर बेरोजगार रहता था, जिससे दोनों में झगड़े आम हो गए थे। कई बार राशिद घर छोड़कर चला जाता था। बार-बार की कलह ने आखिरकार एक मासूम की जान ले ली और एक परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच गया।
📌 अब क्या आगे?
- पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पति राशिद की तलाश जारी है।
- महिला और बच्चे की स्थिति पर डॉक्टर लगातार निगरानी रखे हुए हैं।
- बेटी का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।
🧠 समाज के लिए एक सवाल
इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि घरेलू कलह और मानसिक तनाव से जूझते परिवारों को समय रहते सहायता क्यों नहीं मिलती? क्या ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती थीं अगर समाज, परिवार या प्रशासन समय पर साथ देता?
साभार…
Leave a comment