Vastu Remedies: Desk: दीपों का पर्व दीपावली इस बार 20 अक्टूबर (सोमवार) को कार्तिक अमावस्या के दिन पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन लोग घरों में दीप जलाकर, मिठाइयां बांटकर और आतिशबाज़ी कर हर्षोल्लास व्यक्त करेंगे। परंपरा के अनुसार, दीपावली की रात महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रदोष काल में की गई पूजा से घर में सुख-समृद्धि, धन और वैभव का आगमन होता है।
दीपावली का धार्मिक महत्व
यह पर्व भगवान राम और लक्ष्मण के 14 वर्ष वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटने की स्मृति में मनाया जाता है। साथ ही इस दिन माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सही मुहूर्त में की गई पूजा से घर में अक्षय समृद्धि और शांति बनी रहती है।
कब है दीपावली का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को सुबह 3:44 बजे से होगी और समापन 21 अक्टूबर सुबह 5:54 बजे होगा। ऐसे में अमावस्या तिथि के अनुसार 20 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी।
वास्तु उपाय जो लाएंगे मां लक्ष्मी का आगमन
देवघर के ज्योतिषाचार्य के अनुसार, दीपावली के दिन कुछ वास्तु उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है —
- घर रखें स्वच्छ: दीपावली से पहले पूरे घर की सफाई करें। टूटी-फूटी या बेकार वस्तुएं घर से निकाल दें। इससे वास्तु दोष दूर होता है।
- मुख्य द्वार पर पदचिह्न बनाएं: दिन में ही घर के मुख्य द्वार पर मां लक्ष्मी के पदचिह्न अंदर की ओर लगाएं। यह धन और समृद्धि का प्रतीक है।
- गंगाजल से शुद्धिकरण: गंगाजल में रोली, चंदन और कुमकुम मिलाकर पूरे घर में छिड़काव करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर घर में सकारात्मकता और मां लक्ष्मी का वास होता है।
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि “दीपावली केवल उत्सव नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और ऊर्जा का पर्व है। यदि श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा की जाए तो आने वाला साल सुख-समृद्धि से भरा रहता है।”
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