Visa policy: डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिका ने अपनी वीज़ा नीति (US Visa Policy) में बड़ा बदलाव किया है। अब यदि किसी विदेशी नागरिक को मोटापा, डायबिटीज़, दिल की बीमारी या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो उसका वीज़ा रद्द या अस्वीकृत किया जा सकता है। नई गाइडलाइन के तहत वीज़ा अधिकारी अब आवेदक और उसके परिजनों की सेहत को भी वीज़ा मंजूरी के समय ध्यान में रखेंगे।
अमेरिकी प्रशासन के अनुसार, इस नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विदेशी नागरिक देश की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त बोझ न डालें।
क्या बदला है नियमों में
नई गाइडलाइन के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के अमेरिका पहुंचने के बाद सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं पर निर्भर रहने की संभावना है, तो उसे ‘पब्लिक चार्ज’ (Public Charge) यानी सार्वजनिक बोझ की श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसी स्थिति में वीज़ा अस्वीकृत किया जा सकता है।
यह प्रावधान केवल आवेदक ही नहीं, बल्कि उसके निर्भर परिवारजनों — जैसे बच्चे या बुजुर्ग माता-पिता — पर भी लागू होगा।
कौन-कौन सी बीमारियां आएंगी जांच के दायरे में
नई नीति के तहत निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों को विशेष निगरानी में रखा गया है:
- हृदय रोग (Heart Disease)
- श्वसन संबंधी बीमारियां (Respiratory Diseases)
- कैंसर
- मेटाबॉलिक और न्यूरोलॉजिकल विकार
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं
- मोटापा (Obesity)
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, मोटापे को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम माना गया है क्योंकि इससे उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़ और अस्थमा जैसी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
क्यों किया गया यह बदलाव
विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम ट्रंप प्रशासन की कठोर इमिग्रेशन नीति की निरंतरता है। पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका ने शरणार्थियों की एंट्री सीमित करने के साथ-साथ एच-1बी (H-1B) और स्टूडेंट वीज़ा श्रेणियों में भी कई बदलाव किए हैं।
नई नीति लागू होने के बाद अब अमेरिका जाने वाले आवेदकों को स्वास्थ्य जांच के अतिरिक्त मानकों से गुजरना होगा। माना जा रहा है कि इससे कई विदेशी नागरिकों के वीज़ा आवेदन स्वास्थ्य आधार पर खारिज हो सकते हैं।
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