Passport: नई दिल्ली। हेनले ग्लोबल द्वारा हर साल जारी की जाने वाली ताकतवर पासपोर्ट की रैंकिंग में इस साल सिंगापुर ने पहला स्थान हासिल किया है। इस सूची में पासपोर्ट की ताकत इस आधार पर तय की जाती है कि उसके धारक कितने देशों में बिना वीजा या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा के साथ यात्रा कर सकते हैं।
सिंगापुर का दबदबा
2025 की इस रैंकिंग में सिंगापुर ने दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट होने का गौरव प्राप्त किया है। सिंगापुर पासपोर्ट धारक 195 देशों में बिना वीजा या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा के साथ यात्रा कर सकते हैं।
पिछले वर्षों में भी सिंगापुर लगातार शीर्ष स्थान पर बना रहा है। 2023 में वह जापान से पीछे था, लेकिन 2024 में उसने फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान के साथ संयुक्त रूप से पहला स्थान साझा किया था।
जापान इस बार दूसरे स्थान पर
जापान, जो पिछले कई वर्षों से इस सूची में सिंगापुर को कड़ी टक्कर देता रहा है, इस बार दूसरे स्थान पर है। जापानी पासपोर्ट धारक 193 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं।
2024 में जापान संयुक्त रूप से पहले स्थान पर था, लेकिन इस बार वह पीछे रह गया।
भारत की रैंकिंग में गिरावट
भारत की रैंकिंग इस साल गिरकर 85वें स्थान पर पहुंच गई है। 2024 में भारत 80वें स्थान पर था। भारतीय पासपोर्ट धारक अब 57 देशों में बिना वीजा या वीजा ऑन अराइवल के साथ यात्रा कर सकते हैं। इनमें प्रमुख देश हैं:
अंगोला, भूटान, बोलिविया, फिजी, हैती, कजाखस्तान, केन्या, मॉरिशस, कतर, और श्रीलंका।
पड़ोसी देशों का प्रदर्शन
- पाकिस्तान: 103वां स्थान (यमन के साथ)
- अफगानिस्तान: 106वां स्थान (सबसे कमजोर)
- नेपाल: 101वां स्थान
- बांग्लादेश: 100वां स्थान
- श्रीलंका: 96वां स्थान
- भूटान: 90वां स्थान
पाकिस्तान का खराब प्रदर्शन
पाकिस्तान की रैंकिंग बेहद खराब है और वह गृह युद्ध से जूझ रहे यमन के बराबर 103वें स्थान पर है। यहां तक कि उत्तर कोरिया की रैंकिंग भी पाकिस्तान से बेहतर है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स का महत्व
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स, यात्रा स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो पासपोर्ट की वैश्विक ताकत का निर्धारण करता है। यह सूची अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और देशों की कूटनीतिक ताकत को दर्शाने का एक पैमाना है।
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