Varieties: यह एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट है, जो मध्यप्रदेश के सागर जिले के किसान आकाश चौरसिया द्वारा देसी गेहूं की 36 किस्मों के संरक्षण और उत्पादन को उजागर करती है। यह जैविक खेती और मल्टीलेयर फार्मिंग के जरिए पारंपरिक अनाजों को पुनर्जीवित करने का बेहतरीन उदाहरण है।
मुख्य बिंदु:
✅ देसी गेहूं की 36 किस्मों की खेती, जिनकी कीमत ₹4,000 से ₹15,000 प्रति क्विंटल तक है।
✅ एक एकड़ में 12-22 क्विंटल तक उत्पादन होता है, जिससे ₹1 लाख तक का मुनाफा संभव है।
✅ देसी गेहूं की किस्में शुगर, गैस, माइग्रेन जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में सहायक हैं।
✅ खपली, बंसी, कठिया, सोना-मोती, काला गेहूं जैसी किस्में पोषक तत्वों से भरपूर हैं और शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं।
✅ जैविक खेती से रासायनिक उर्वरकों और हाइब्रिड अनाजों से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
देसी गेहूं का महत्व:
🌾 खपली गेहूं – शुगर मरीजों के लिए फायदेमंद (लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स)
🌾 चावल काठी गेहूं – ग्लूटेन-फ्री, कब्ज से राहत
🌾 बंसी गेहूं – प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
🌾 सोना-मोती गेहूं – हृदय रोग और डायबिटीज के लिए लाभकारी
🌾 काला गेहूं – हृदय और इम्यूनिटी के लिए अच्छा
यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मददगार हो सकती है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य में सुधार और पारंपरिक कृषि प्रणाली को पुनर्जीवित करने के लिए भी कारगर है। क्या आप इस रिपोर्ट को और अधिक जानकारीपूर्ण बनाना चाहते हैं? या इसमें कुछ बदलाव चाहते हैं?
source internet… साभार….
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