Beggar: भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की तैयारियों के तहत शहर को सुसज्जित करने के साथ-साथ भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है। जिला प्रशासन ने यह कदम शहर की छवि सुधारने और यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए उठाया है, क्योंकि समिट में देश-विदेश के निवेशक भाग लेंगे और वे शहर के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरेंगे।
मुख्य बिंदु:
- भिक्षावृत्ति पर पूर्ण प्रतिबंध:
- जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(2) और 223 के तहत भिक्षावृत्ति को प्रतिबंधित किया है।
- भिखारियों से सामान खरीदना या उन्हें भिक्षा देना भी दंडनीय अपराध होगा।
- आदेश के बाद राजधानी के प्रमुख चौराहों से भिखारी गायब हो गए हैं।
- भिक्षुक गृह की स्थापना:
- भिखारियों के पुनर्वास के लिए कोलार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को आश्रय स्थल (भिक्षुक गृह) घोषित किया गया है।
- हालांकि, अब तक कोई भिखारी वहां नहीं पहुंचा है।
- भिखारियों को पकड़ने के लिए विशेष टीम:
- भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई है।
- टीम ट्रैफिक सिग्नल, धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर भिक्षावृत्ति करने वालों की वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी करेगी और उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
- टीम में आर.के. सिंह (संयुक्त संचालक, सामाजिक न्याय विभाग), रणवीर कुमार (अपर आयुक्त, नगर निगम), सुनील सोलंकी (जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास) और सुधीर कुमार श्रीवास्तव (सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग) शामिल हैं।
प्रभाव और चिंताएं:
- शहर की छवि में सुधार:
यह निर्णय भोपाल को स्वच्छ और व्यवस्थित दिखाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, विशेष रूप से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान। - मानवीय दृष्टिकोण:
भिखारियों को पुनर्वासित करने की योजना के बावजूद, अगर वे आश्रय स्थल में नहीं जाते तो उनकी स्थिति क्या होगी? यह एक बड़ी चिंता बनी हुई है। - कानूनी और सामाजिक प्रभाव:
क्या इस आदेश से वास्तव में भिक्षावृत्ति समाप्त होगी, या सिर्फ इसे दबाने का प्रयास किया गया है? - source internet… साभार….
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