मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जीआईएस-भोपाल में ‘फ्यूचर-फ्रंटियर: स्टार्ट-अप पिचिंग’ सेशन के दौरान प्रदेश को एक मजबूत स्टार्ट-अप हब के रूप में स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई। इस इवेंट में 20 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप्स के संस्थापकों की उपस्थिति रही, जो प्रदेश में नवाचार और उद्यमिता के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है।
प्रमुख बिंदु:
1️⃣ स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बढ़ावा
🔹 180 स्टार्ट-अप्स ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 25 हाई-पोटेंशियल स्टार्ट-अप्स को निवेश के अवसर मिले।
🔹 47 स्टार्ट-अप्स ने अपनी प्रस्तुति दी, जिनमें से 19 को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट प्राप्त हुए।
🔹 विभिन्न निवेशकों ने 5 से 10 स्टार्ट-अप्स में रुचि दिखाई, जिससे इनोवेटिव आइडियाज को फंडिंग का अवसर मिला।
2️⃣ वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन
✅ महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों को पहले निवेश पर 18% तक की वित्तीय सहायता (अधिकतम 18 लाख रुपये तक) मिल रही है।
✅ अन्य स्टार्ट-अप्स को 15% तक की सहायता (अधिकतम 15 लाख रुपये तक) दी जा रही है।
✅ ऑफिस किराए में 50% सब्सिडी (तीन वर्षों तक प्रतिमाह 5,000 रुपये तक)।
✅ पेटेंट फाइलिंग पर 5 लाख रुपये तक की सहायता और कानूनी मार्गदर्शन।
3️⃣ महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन
🚀 वर्तमान में प्रदेश में 4,900 से अधिक स्टार्ट-अप्स सक्रिय हैं, जिनमें 44% स्टार्ट-अप्स महिलाओं द्वारा संचालित हैं।
🚀 सरकार का लक्ष्य स्टार्ट-अप्स की संख्या 100% तक बढ़ाना और एग्रीकल्चर एवं फूड स्टार्ट-अप्स को 200% तक बढ़ावा देना है।
🚀 प्रदेश में 72 इनक्यूबेटर कार्यरत हैं, जो स्टार्ट-अप्स को आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश सरकार स्टार्ट-अप्स को आर्थिक सहायता, बुनियादी ढांचे का विकास और नीतिगत समर्थन देकर एक इनोवेटिव इकोसिस्टम बना रही है। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और युवा उद्यमियों के लिए नए द्वार खुलेंगे। जीआईएस-भोपाल में स्टार्ट-अप्स की सफलता इस बात का प्रमाण है कि मध्यप्रदेश जल्द ही देश के अग्रणी स्टार्ट-अप हब्स में शामिल हो सकता है।
source internet… साभार….
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