Complete ban: बैतूल। कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 अंतर्गत धारा 163 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए बैतूल जिले में किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया है। साथ ही भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी भी प्रकार के सामान को खरीदना प्रतिबंधित किया जाता है। जो व्यक्ति भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कोई चीज प्रदान करता है या देता है या इनसे कोई सामान खरीदता हैं तो उसके विरूद्ध भी इस आदेश का उल्लंघन के लिए कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
आदेश के मुख्य बिंदु:
भिक्षावृत्ति पर सख्त पाबंदी – जिले में किसी भी सार्वजनिक स्थान, चौराहों, धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों पर भिक्षावृत्ति करना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
भिक्षा देना भी अपराध – कोई भी नागरिक भिक्षुओं को दान नहीं दे सकता और न ही उनसे कोई सामान खरीद सकता है। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई होगी।
भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध क्यों?
यातायात में बाधा – चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर भिक्षावृत्ति से आम नागरिकों को परेशानी होती है।
अपराध की आशंका – भिक्षावृत्ति के नाम पर नशाखोरी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है।
सड़क दुर्घटनाओं का खतरा – चौराहों और सड़कों पर भीख मांगने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
अन्य राज्यों के लोग भी संलग्न – भिक्षावृत्ति में शामिल कई लोगों का अपराधिक रिकॉर्ड हो सकता है।
शासन का उद्देश्य:
सामाजिक सुधार – भिक्षावृत्ति को रोककर समाज को एक बेहतर दिशा में ले जाना।
सुरक्षा सुनिश्चित करना – आम नागरिकों को असुविधा और आपराधिक गतिविधियों से बचाना।
नशे और अपराध पर लगाम – भिक्षावृत्ति के माध्यम से संचालित अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना।
जो भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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