तय समय से 8 दिन पहले केरल पहुंचा मानसून
तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली। देशभर में लोगों को भीषण गर्मी से राहत देने के संकेत मिलने लगे हैं। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने शनिवार को तय समय से 8 दिन पहले केरल में दस्तक दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पिछले 16 वर्षों में यह सबसे जल्दी पहुंचा मानसून है। आमतौर पर मानसून 1 जून को केरल में प्रवेश करता है, लेकिन इस वर्ष यह 24 मई को ही पहुंच गया।
IMD का कहना है कि मानसून पिछले चार दिनों से अरब सागर में सक्रिय था और अब यह तमिलनाडु और कर्नाटक की ओर बढ़ रहा है। उम्मीद है कि एक सप्ताह के भीतर यह दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लेगा और 4 जून तक मध्य एवं पूर्वी भारत में पहुंच जाएगा।
देशभर में मौसम का असर:
मौसम विभाग ने 24 मई के लिए दो अलग-अलग रेड अलर्ट जारी किए हैं:
- भारी बारिश: केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात के तटीय इलाकों में 200 मिमी तक बारिश की संभावना है।
- भीषण गर्मी: राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में तापमान 48 डिग्री तक पहुंच गया है। जैसलमेर में शुक्रवार को सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया। अगले कुछ दिनों तक लू चलने की चेतावनी जारी है।
विभाग के अनुसार, देश के 28 राज्यों में आंधी और बारिश की संभावना बनी हुई है। तेज हवाएं, बिजली गिरने और ओलावृष्टि की भी आशंका जताई गई है।
समुद्री गतिविधियों पर असर:
केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप के तटवर्ती क्षेत्रों में 27 मई तक मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। समुद्र में तेज लहरें और आंधी चलने की चेतावनी के चलते यह कदम उठाया गया है।
मानसून आगमन का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:
IMD के रिकॉर्ड बताते हैं कि मानसून का आगमन हर वर्ष अलग-अलग होता रहा है।
- 1918 में सबसे जल्दी – 11 मई
- 1972 में सबसे देरी से – 18 जून
इस साल बारिश अच्छी रहने की उम्मीद:
मौसम विभाग के अनुसार, 2025 के मानसून सीजन में अल नीनो के सक्रिय होने की कोई संभावना नहीं है। इसका अर्थ है कि इस वर्ष सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
2023 में अल नीनो के कारण देश में सामान्य से 6% कम वर्षा दर्ज की गई थी।
अल नीनो और ला नीना के प्रभाव:
- अल नीनो: समुद्र का तापमान 3–4°C तक बढ़ जाता है, जिससे मानसून असामान्य हो जाता है।
- ला नीना: समुद्र का तापमान गिरता है, जिससे अधिक बादल बनते हैं और अच्छी बारिश होती है।
- साभार…
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