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History: NDA की परेड में पहली बार बेटियों की गर्जना, जनरल वी.के. सिंह बोले- ‘ये हैं नारी शक्ति का प्रतीक’

NDA की परेड में पहली बार बेटियों की गर्जना, जनरल वी.के. सिंह बोले- 'ये हैं नारी शक्ति का प्रतीक'

History: पुणे। देश की सबसे प्रतिष्ठित सैन्य अकादमी नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) ने आज इतिहास रच दिया। पहली बार 17 महिला कैडेट्स ने NDA से पास आउट होकर भारतीय सेना, नेवी और एयर फोर्स में अधिकारी बनने की राह तय की। यह अवसर देश की सैन्य परंपरा में नारी शक्ति के नए युग की शुरुआत का प्रतीक बन गया है।


🎓 300 से ज्यादा पुरुष कैडेट्स के साथ बेटियों की पहली परेड

पुणे स्थित खड़कवासला NDA परिसर में आयोजित पासिंग आउट परेड में देश की बेटियों ने अपने जज्बे और अनुशासन से सबका दिल जीत लिया। यह वही अकादमी है जहां अब तक केवल पुरुष कैडेट्स की परेड होती थी, लेकिन आज भारत ने बदलते युग का स्वागत किया।


⚖️ सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बदली तस्वीर

यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट के 2021 के आदेश के बाद आया, जिसमें महिलाओं को NDA की प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई। इसके बाद 2022 में पहली बार 17 महिला कैडेट्स का बैच NDA में भर्ती हुआ, और आज ये सभी कैडेट्स गर्व के साथ पास आउट हुईं।


🪖 जनरल वी.के. सिंह ने किया सलाम

पासिंग आउट परेड में पूर्व सेनाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के. सिंह ने मौजूद रहकर कैडेट्स को प्रेरित किया। उन्होंने दिनकर की प्रसिद्ध कविता का उल्लेख करते हुए कहा:

“मानव जब ज़ोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।”

उन्होंने कहा, “इतिहास में पहली बार इस ग्राउंड से बेटियों का बैच पास हो रहा है। यह सिर्फ एक परेड नहीं, बल्कि नारी शक्ति को सलाम है। यह ट्रेनिंग का अंत नहीं, बल्कि उनके नए सफर की शुरुआत है।”


👏 भावुक हुआ हर पल

परेड ग्राउंड पर कैडेट्स के माता-पिता, सीनियर सैन्य अधिकारी और विशेष अतिथि मौजूद थे। जब महिला कैडेट्स ने परेड ग्राउंड पर कदम मिलाए, तो हर किसी की आंखों में गर्व और सम्मान का भाव था। कई अभिभावकों की आंखों में आंसू थे, लेकिन वो आंसू थे संघर्ष, आत्मबल और विजय के।


नए भारत की नई तस्वीर

NDA से महिला कैडेट्स का पास होना महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक अहम पड़ाव है। ये कैडेट्स अब भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में सेवा देकर देश की सीमाओं की रक्षा करेंगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगी।

साभार….. 

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