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Visit: नागपंचमी पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब: उज्जैन में नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन

नागपंचमी पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

Visit: उज्जैननागपंचमी के पावन अवसर पर प्रदेशभर के शिव मंदिरों और नाग देवताओं के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। बारिश के बावजूद भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है।

🔱 उज्जैन में नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुले, अब तक 2 लाख श्रद्धालु पहुंचे

  • उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर के तीसरे खंड में स्थित श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट हर वर्ष सिर्फ एक बार, नागपंचमी के दिन रात 12 बजे से 24 घंटे के लिए खोले जाते हैं।
  • महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरी महाराज ने त्रिकाल पूजन कर मंदिर के पट खोले।
  • सुबह 10 बजे तक 2 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे।
  • 2 किलोमीटर लंबी लाइन, 200 अधिकारी, 2500 कर्मचारी, 1800 पुलिसकर्मी और 560 CCTV कैमरे तैनात किए गए।
  • आज दोपहर महानिर्वाणी अखाड़ा द्वारा विशेष पूजन और रात 12 बजे पट पुनः बंद कर दिए जाएंगे।

🕉 11वीं शताब्दी की दुर्लभ प्रतिमा

  • श्री नागचंद्रेश्वर की यह अद्भुत प्रतिमा 11वीं शताब्दी की मानी जाती है।
  • इसमें भगवान शिव नाग शैय्या पर, पार्वती और गणेश जी के साथ विराजमान हैं।
  • प्रतिमा में सप्तमुखी नाग, नंदी और सिंह भी मौजूद हैं।
  • इतिहासकारों के अनुसार, मंदिर का निर्माण परमार वंश के राजा बोजराजा ने करवाया था और इसका 1732 में सिंधिया राजवंश द्वारा जीर्णोद्धार किया गया।

सेंधवा के नांगलवाड़ी में भक्तों का सैलाब: भिलटदेव के दर्शन को उमड़े हजारों श्रद्धालु

  • नांगलवाड़ी (सेंधवा) में नागपंचमी के मौके पर भिलटदेव मंदिर में दर्शन हेतु 50,000 से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।
  • सोमवार रात 10 बजे बाबा का दूध से अभिषेक, रात 1 बजे फूलों से श्रृंगार, सुबह 4 बजे महाआरती और 56 भोग का आयोजन किया गया।
  • अनुमान है कि आज 6 लाख श्रद्धालु दर्शन हेतु यहां पहुंच सकते हैं।
  • श्रद्धालु 3.5 किमी का पहाड़ी रास्ता पैदल तय कर मंदिर तक पहुंच रहे हैं।
  • 100 मीटर क्षेत्र में 50+ CCTV कैमरे, 500 पुलिसकर्मी, और 8 जगहों पर पार्किंग व्यवस्था की गई है।

📸 नजरें श्रद्धा पर, व्यवस्थाएं चौकस

इस बार नागपंचमी मंगलवार को पड़ने के कारण महत्त्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि यह दिन भिलटदेव के पूजन का विशेष दिन माना जाता है। उज्जैन से लेकर सेंधवा तक श्रद्धा और सुरक्षा दोनों के लिहाज से राज्य प्रशासन और मंदिर समितियों की तैयारियां उत्कृष्ट रही हैं।

साभार… 

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