कांग्रेस में जीजीपी कार्यकर्ताओं की वापसी कराई
Activism: भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की हार और उसके बाद की खामोशी के बीच एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता कमल नाथ राजनीतिक रूप से सक्रिय होते नजर आ रहे हैं। छिंदवाड़ा में हुए हालिया कार्यक्रमों और मांडू में दिए गए बयानों से यह स्पष्ट हो रहा है कि कमल नाथ ने अब भी मैदान छोड़ने का मन नहीं बनाया है।
कमल नाथ ने 21 जुलाई को धार के मांडू में कांग्रेस के ‘नव संकल्प शिविर’ में कहा—
“मैं न थका हूं, न पका हूं, आज भी जवान हूं।”
यह बयान न केवल उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि आने वाले दिनों में पार्टी के भीतर उनकी भूमिका को लेकर नए संकेत भी देता है।
🔙 पीसीसी अध्यक्ष पद और लोकसभा हार के बाद कमल नाथ थे राजनीतिक दूरी पर
कांग्रेस हाईकमान ने विधानसभा चुनाव के बाद कमल नाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था, साथ ही छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से उनके बेटे नकुल नाथ की हार ने भी उन्हें गहरा झटका दिया था। इसके बाद वे काफी समय तक प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति से दूरी बनाए रहे। हालांकि, राहुल गांधी से उनकी मुलाकात के बाद चर्चा थी कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है, लेकिन अब तक ऐसा कोई निर्णय सामने नहीं आया है।
🔄 छिंदवाड़ा में जीजीपी कार्यकर्ताओं की ‘घर वापसी’
कमल नाथ ने शुक्रवार को अपने गढ़ छिंदवाड़ा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की कांग्रेस में वापसी करवाई। इसे पार्टी को मजबूत करने की उनकी कोशिशों और आदिवासी वर्ग में कांग्रेस की पकड़ फिर से मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम कमल नाथ की जमीनी पकड़ और प्रदेश संगठन पर पुनः प्रभाव जमाने की कोशिश का हिस्सा है।
📌 क्या संकेत दे रही है कमल नाथ की वापसी?
कमल नाथ की बढ़ती सक्रियता को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं:
- वे प्रदेश कांग्रेस में फिर से मजबूत दावेदार के तौर पर उभर सकते हैं।
 - या फिर 2026 के राज्यसभा चुनाव और 2028 के विधानसभा चुनावों में वे कोई निर्णायक भूमिका निभाने की तैयारी में हैं।
 - आदिवासी समुदाय, छिंदवाड़ा क्षेत्र और संगठनात्मक साख को फिर से मजबूत करने की रणनीति साफ नजर आ रही है।
 
🗣️ राजनीतिक संदेश
कमल नाथ का “न थका हूं, न पका हूं” वाला बयान उनके आलोचकों के लिए भी एक साफ संदेश माना जा रहा है कि वे राजनीति से संन्यास नहीं लेने जा रहे, और आने वाले महीनों में वे फिर मध्य प्रदेश कांग्रेस की दिशा तय करने वाले चेहरे हो सकते हैं।
साभार….
                                                                                                                                
				            
				            
				            
				            
                            
                                        
                                        
				            
				            
				            
				            
			        
			        
			        
			        
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