Tuesday , 5 August 2025
Home Uncategorized Threat: राहुल गांधी का दावा: किसान कानून पर अरुण जेटली ने दी थी धमकी
Uncategorized

Threat: राहुल गांधी का दावा: किसान कानून पर अरुण जेटली ने दी थी धमकी

राहुल गांधी का दावा: किसान कानून

भाजपा बोली- जेटली का निधन 2019 में हो चुका था

Threat: नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के एक ताजा बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। शनिवार को एक सभा में राहुल गांधी ने दावा किया कि जब वे किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ लड़ रहे थे, तब पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को उन्हें धमकाने के लिए भेजा गया था।

राहुल का दावा: जेटली ने दी थी कार्रवाई की चेतावनी

राहुल गांधी ने कहा,

“जब मैं किसान कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहा था, तो अरुण जेटली को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मैं विरोध करता रहा, तो मेरे खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मैंने उन्हें जवाब में कहा – आपको कोई आइडिया नहीं है कि आप किससे बात कर रहे हैं।”


रोहन जेटली का पलटवार: पिता का निधन 2019 में, कानून 2020 में लाए गए

अरुण जेटली के बेटे और दिल्ली के क्रिकेट संघ अध्यक्ष रोहन जेटली ने राहुल के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,

“राहुल गांधी कह रहे हैं कि मेरे पिता ने उन्हें किसान कानूनों पर धमकाया, जबकि मेरे पिता का निधन 24 अगस्त 2019 को हो गया था और ये कानून सितंबर 2020 में लाए गए थे।”

उन्होंने आगे कहा,

“जो हमारे बीच नहीं हैं, उनके बारे में सोच-समझकर बोलना चाहिए। राहुल गांधी ने पहले भी मनोहर पर्रिकर के अंतिम दिनों पर राजनीति की थी, जो निंदनीय है।”


भाजपा का तीखा हमला: राहुल माफी मांगें – अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा:

“अरुण जेटली का निधन अगस्त 2019 में हुआ और तीन कृषि कानून सितंबर 2020 में संसद में पेश हुए। ऐसे में राहुल गांधी का बयान तथ्यहीन और असंवेदनशील है।”


तथ्य क्या कहते हैं?

  • अरुण जेटली का निधन: 24 अगस्त 2019, एम्स, नई दिल्ली
  • तीन कृषि कानून संसद में पेश: 17-20 सितंबर 2020
  • विरोध आंदोलन की शुरुआत: 26-27 नवंबर 2020 से
  • कानूनों की वापसी की घोषणा: 19 नवंबर 2021
  • औपचारिक रद्दीकरण: 1 दिसंबर 2021

राजनीतिक प्रतिक्रिया और बहस तेज

राहुल गांधी के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। भाजपा नेताओं ने इसे “झूठा और भ्रामक बयान” करार दिया, जबकि कांग्रेस समर्थक इसे राहुल की राजनीतिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बता रहे हैं।

इस बयान ने न केवल एक दिवंगत वरिष्ठ नेता की स्मृति को विवादों में घसीटने का मुद्दा उठाया है, बल्कि किसान आंदोलन की राजनीति को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।

साभार… 

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Investment: बाजार का समय तय करने से बेहतर है दीर्घकालिक निवेश: जयराम श्रीधरन

Investment: मुंबई— निवेश की दुनिया में अक्सर यह देखा गया है कि...

Tariff: अमेरिका में ट्रंप के टैरिफ से भारतीय निर्यात को भारी झटका

2026 तक 30% गिरावट की आशंका Tariff: नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व...

Vastu defects: सिर्फ मान्यता नहीं, घर की ऊर्जा का विज्ञान!

Vastu defects: नई दिल्ली | क्या आपके घर में लगातार तनाव, बीमारियां...

Arrested: पत्नी की नृशंस हत्या करने वाला पति गिरफ्तार

Arrested: बैतूल। पत्नी को बेटी को सामने मौत के घाट उतारने वाले...