Announcement: नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के जवाब में केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) में बड़े बदलाव का खाका तैयार कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से इसे “नेक्स्ट जेन जीएसटी या जीएसटी 2.0” के रूप में पेश करते हुए इसे आमजन के लिए “दिवाली गिफ्ट” बताया। सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है।
🔑 क्या होगा बड़ा बदलाव?
- वर्तमान स्लैब: 5%, 12%, 18% और 28%
- नया प्रस्ताव: केवल दो स्लैब – 5% और 18%
- नतीजा:
- 12% स्लैब की वस्तुएं (जैसे मक्खन, ड्राय फ्रूट, जूस) अब 5% टैक्स पर, यानी 7% सस्ती
- 28% स्लैब की वस्तुएं (सीमेंट, टीवी, एसी, फ्रिज) अब 18% टैक्स पर, यानी 10% सस्ती
🛒 आम जनता को फायदा
- 40 हजार का फ्रिज होगा 4 हजार सस्ता
- 80 हजार की टीवी होगी 8 हजार सस्ती
- 350 रुपए की सीमेंट की बोरी होगी 28 रुपए सस्ती
- 1000 रुपए किलो की मिठाई 70 रुपए सस्ती
📉 किन चीजों पर टैक्स घटेगा?
12% से 5% → सूखे मेवे, ब्रांडेड नमकीन, टूथपेस्ट, साबुन, प्रोसेस्ड फूड, रेडीमेड कपड़े (1000 से ऊपर), जूते (500-1000), वैक्सीन, दवाइयां, प्रेशर कुकर, बर्तन, साइकिल, कृषि मशीनरी आदि।
28% से 18% → सीमेंट, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, डिशवॉशर, ब्यूटी प्रोडक्ट, चॉकलेट, प्लास्टिक प्रोडक्ट, टायर, प्रिंटर, शेविंग प्रोडक्ट आदि।
🏥 बीमा पर राहत
जीवन व स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% या शून्य करने का प्रस्ताव। इससे बीमा प्रीमियम सस्ता होगा और अधिक लोग बीमा कवरेज ले पाएंगे।
🧾 आसान जीएसटी सिस्टम
- आयकर रिटर्न जैसा ऑटोमैटिक रिफंड
- पूरी तरह ऑनलाइन पंजीयन
- प्री-फिल्ड रिटर्न की सुविधा
- इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर खत्म → कपड़े, जूते और फर्टिलाइजर होंगे सस्ते
🚜 उद्योग और किसानों को लाभ
- टेक्सटाइल सेक्टर: कच्चे माल और तैयार कपड़े दोनों पर 5% टैक्स → लागत घटेगी
- किसान: फर्टिलाइजर पर टैक्स 18% से घटकर 5% → खाद सस्ती
🚫 कंपनसेशन सेस खत्म
अब अल्ट्रा लग्जरी वस्तुओं पर 204% तक का कंपनसेशन सेस हटेगा। इसके स्थान पर 40% विशेष टैक्स केवल लग्जरी, हानिकारक सामान, तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग पर लगेगा।
🎯 2047 तक लक्ष्य
वित्त मंत्रालय के अनुसार, 2047 तक भारत में एक समान टैक्स स्लैब लागू किया जाएगा।
👉 कुल मिलाकर, जीएसटी 2.0 से रोजमर्रा की वस्तुएं और घरेलू उपकरण सस्ते होंगे, टैक्स सिस्टम आसान बनेगा और उद्योगों की लागत घटेगी।
साभार…
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