Rain: भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने सोमवार को प्रदेश के 14 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें देवास, हरदा, खंडवा और बुरहानपुर जिले ऐसे हैं जहां अगले 24 घंटों में अति भारी बारिश हो सकती है। वहीं इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर और भोपाल संभाग के 10 अन्य जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
मानसून ट्रफ और लो प्रेशर एरिया सक्रिय
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रदेश के पश्चिम-दक्षिण हिस्से से मानसून ट्रफ गुजर रही है। इसके साथ ही दक्षिणी क्षेत्र में लो प्रेशर एरिया भी सक्रिय है। इसी कारण इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश का दौर तेज हुआ है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि इसका असर अगले 2 से 3 दिन तक बना रहेगा।
कई जिलों में बारिश का असर
रविवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश हुई। खरगोन में रूपारेल नदी उफान पर आ गई और एक युवक बह गया। बड़वानी जिले के सेंधवा व निवाली क्षेत्र की कॉलोनियों में पानी भर गया। बिजासन घाट (मुंबई-आगरा हाईवे) पर तेज बारिश के कारण वाहनों की रफ्तार थम गई। वहीं श्योपुर और धार में झमाझम बारिश से लोगों को राहत मिली। दूसरी ओर भोपाल में धूप और उमस का असर रहा।
औसत से ज्यादा पानी बरसा
इस साल 16 जून को मानसून ने प्रदेश में दस्तक दी थी। तब से अब तक प्रदेश में औसतन 31.3 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य तौर पर इस समय तक 25.2 इंच पानी गिरना चाहिए था। इस तरह अब तक 6.1 इंच अधिक वर्षा दर्ज हुई है। प्रदेश की सामान्य वार्षिक बारिश का औसत 37 इंच है।
सबसे ज्यादा बारिश वाले जिले
इस बार सबसे ज्यादा पानी मंडला और गुना में गिरा है, जहां आंकड़ा 47 इंच से ज्यादा पहुंच चुका है। निवाड़ी में 46 इंच, टीकमगढ़ में 45.5 इंच और अशोकनगर में 43.6 इंच पानी बरसा है।
ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग आगे
इस बार बारिश का सबसे ज्यादा फायदा ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग को मिला है। ग्वालियर-चंबल के 8 में से 7 जिलों में कोटे से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। वहीं इंदौर और उज्जैन संभाग के कई जिलों में अभी तक सामान्य से कम वर्षा हुई है।
रिकॉर्ड बारिश पर नजर
- भोपाल – अगस्त 2006 में 35 इंच
- इंदौर – अगस्त 1944 में 28 इंच
- ग्वालियर – अगस्त 1916 में 28 इंच
- जबलपुर – अगस्त 1923 में 44 इंच
- उज्जैन – अगस्त 2006 में 35 इंच
- साभार…
Leave a comment