MLA Fund: भोपाल। मध्य प्रदेश में विधायकों की स्थानीय निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि (MLA Fund) अब बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष करने की तैयारी है। अभी यह राशि ढाई करोड़ रुपये है। सरकार का मानना है कि छोटे और मझोले स्तर के विकास कार्यों के लिए विधायकों को बार-बार योजनाओं पर निर्भर न रहना पड़े, इसलिए यह कदम उठाया जा रहा है। नई व्यवस्था वित्तीय वर्ष 2026-27 से लागू होगी।
विधायक निधि का इतिहास
- 2016-17 में निधि 1 करोड़ रुपये की गई थी, जिसमें से 5 लाख मुख्यमंत्री ग्राम पथ योजना के लिए सुरक्षित रखे गए थे।
- बाद में इसे ढाई करोड़ रुपये और 75 लाख रुपये स्वेच्छानुदान किया गया।
- अब इसे 5 करोड़ रुपये और स्वेच्छानुदान 1 करोड़ रुपये करने की सहमति बनी है।
विधायकों की मांग
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि जनता की अपेक्षाएं बहुत हैं—सड़क, नाली, चौक-चौराहों का विकास, स्कूल या आंगनवाड़ी में अतिरिक्त कक्ष, सामुदायिक भवन, उद्यान आदि। मौजूदा निधि इन कार्यों के लिए अपर्याप्त है।
सरकार की तैयारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बीच इस पर प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। घोषणा आगामी बजट में की जाएगी।
अन्य राज्यों से तुलना
- दिल्ली: निधि पहले 10 करोड़, फिर आतिशी सरकार ने 15 करोड़ की, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने इसे घटाकर 5 करोड़ कर दिया।
- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड और केरल: यहां भी MLA Fund 5 करोड़ रुपये है।
अलग से भाजपा विधायकों के लिए योजना
प्रदेश सरकार ने भाजपा विधायकों के क्षेत्रों में विकास के लिए 15-15 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की अलग कार्ययोजना बनाई है। कांग्रेस ने इस पर भेदभाव का आरोप लगाया है।
👉 इसका सीधा असर यह होगा कि विधायकों को छोटे स्तर के विकास कार्यों के लिए अब अधिक संसाधन मिलेंगे, लेकिन विपक्ष इसे राजनीतिक पक्षपात से जोड़कर सवाल उठा रहा है।
साभार…
Leave a comment