20 तोला सोना-चांदी, 200 साड़ियां, 11 हजार लड्डू और 20 पीपा रसगुल्ले की आहुति, भक्तों को बांटी गई भस्म
Ritual: नर्मदापुरम। गुरु पूर्णिमा से चल रहा दादा धूनीवाले दरबार का विशेष अनुष्ठान शुक्रवार को संपन्न हुआ। इस दौरान अनूठे अंदाज़ में 20 तोला सोना और चांदी, 200 साड़ियां-चुनरियां, 11 हजार मगज के लड्डू, 20 पीपा रसगुल्ले, फल और पूजन सामग्री हवन कुंड में अर्पित की गई। हवन की भस्म को प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को वितरित किया गया।
परंपरा और विशेषता
यह अनुष्ठान 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा से शुरू हुआ था और हैप्पी मैरिज गार्डन में आयोजित किया गया। आयोजन धूनीमाई पद्धति से किया गया, जो दादाजी के समय से चली आ रही परंपरा का हिस्सा है। गुरुवार रात आयोजित महाहवन और महाआरती में 10 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए।
सेवादार दादा शिवानंद महाराज ने बताया कि किसी धार्मिक अनुष्ठान में पहली बार इस तरह की हवन सामग्री अर्पित की गई है। उन्होंने कहा कि यदि कोई अन्य ऐसा आयोजन करने का प्रमाण पेश करता है तो उसे ₹7 करोड़ का नकद पुरस्कार और वीडियो प्रमाण पर ₹51 लाख का इनाम दिया जाएगा।
अब तक सवा किलो सोना और एक किलो चांदी की आहुति
51 दिन तक चले अनुष्ठान में प्रतिदिन काजू, किशमिश, बादाम, लड्डू और नारियल की आहुति दी गई। हर गुरुवार को विशेष महाआरती और हवन का आयोजन हुआ। अब तक लगभग सवा किलो सोना और एक किलो चांदी की आहुति दी जा चुकी है। हवन के बाद बची भस्म को श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में बांटा गया और बड़े अवशेष नर्मदा नदी में विसर्जित किए गए।
श्रद्धालुओं से चंदा नहीं लिया गया
सेवादारों के अनुसार, पूरे आयोजन में किसी भी श्रद्धालु से चंदा या आर्थिक सहयोग नहीं लिया गया। सभी सामग्री भक्तों द्वारा स्वेच्छा से दी गई थी। सुबह-शाम काशी से आए ब्राह्मणों ने रूद्राभिषेक, हवन और आरती की। भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।
विशेष सजावट और कार्यक्रम
आयोजन स्थल पर 100 से अधिक घंटे (मंडप) बांधे गए और मंच को 5100 दीपकों से सजाया गया। छीपानेर निवासी श्रद्धालु पृथ्वीराज सिंह चौहान ने बताया कि वे परिवार सहित प्रतिदिन 51 हजार नर्मदेश्वर शिवलिंग के अभिषेक में शामिल रहे।
आगे का आयोजन
सेवादारों ने कहा कि यदि दादा शिवानंद महाराज नवरात्रि में नर्मदापुरम में रहेंगे, तो दुर्गा सप्तशती का अखंड पाठ और अखंड ज्योति का आयोजन भी किया जाएगा।
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